छत्तीसगढ़

CAIT ने की राज्य जीएसटी कमिश्नर से मुलाकात

Nilmani Pal
7 Jun 2024 10:33 AM GMT
CAIT ने की राज्य जीएसटी कमिश्नर से मुलाकात
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रायपुर raipur news। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी Amar Parvani एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि आज कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी जी के नेतृत्व में कैट का एक प्रतिनिधी मंडल रजत बंसल (आई.ए.एस.) आयुक्त, राज्य जीएसटी, रायपुर (छ. ग.) से मुलाकात कर जीएसटी से संबधित नोटिस एवं ई-वे बिल से संबधित सुझाव का ज्ञापन सौपा गया।

chhattisgarh news कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट का एक प्रतिनिधी मंडल रजत बंसल (आई.ए.एस.) आयुक्त, राज्य जीएसटी, रायपुर (छ. ग.) से मुलाकात कर जीएसटी एवं ई-वे बिल से संबधित सुझाव का ज्ञापन सौपा गया। अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने ज्ञापन के माध्यम से रजत बंसल (आई.ए.एस.) को अवगत कराया कि वर्तमान समय में जीएसटी विभाग से जीएसटी से संबंधित लगभग सभी व्यापारी को नोटिस आ रही हैं, जो कि ईज़ ऑफ़ डूइंग व्यापार के विपरीत है तथा साथ ही साथ इससे व्यापारी एवं सलाहकार को चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय जीएसटी द्वारा सिर्फ़ 10 से 15 प्रतिशत व्यापारियों को नोटिस दिया जा रहा है। तथा इनकम टैक्स के अंतर्गत भी सिर्फ़ 5 प्रतिशत ही व्यापारियों को नोटिस दिया जा रहा है। जो कि न्यायोचित नहीं है। इनकम टैक्स या केन्द्रीय जीएसटी विभाग के समान सिर्फ़ 10 से 15 प्रतिशत व्यापारियों को जीएसटी के अंतर्गत विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाये।

पारवानी एवं दोशी ने आगे बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा वर्तमान में जीएसटीआर-1 फॉर्म देर से दाखिल करने के हेतु जुर्माना नोटिस जारी किया गया है। साथ ही विभाग द्वारा अन्य नोटिस व्यापारियों को दिया जा रहा है। विभाग द्वारा अचानक किये गए इस कार्यवाही से व्यापारियों में भय का माहौल है जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है। जबकि व्यापारिक समुदाय हमेशा सरकार को उसके कर संग्रह लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में सहयोगी रहा है और नियमों के पूर्ण अनुपालन के लिए प्रयासरत है। व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा जारी जुर्माना नोटिस को स्वतः निरस्त किया जाना चाहिए।

पारवानी एवं दोशी ने आगे बताया कि महोदय पूर्व मे शासन द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के ध्येय को प्राप्त करने के लिए 19 जून 2018 को जारी अधिसूचना क्रमांक एफ 10-31/2018 /वाक/पाँच (46) के तहत अभी तक राज्य मे जिले के भीतर माल परिवहन करने पर ई -वे बिल जारी करना आवश्यकता नहीं था। साथ ही साथ 15 वस्तुओ (सूची संलग्न ) को छोड़कर राज्य के भीतर किसी भी वस्तुओ के परिवहन पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं थी। परन्तु वर्तमान जारी अधिसूचना क्रमांक 202 के कारण ई- वे बिल की संख्या एवं अनुपालन से संबंधित जटिलताए बढ़ जाएगी । कैट ने आयुक्त महोदय से वर्तमान में जारी अधिसूचना पर पुनः विचार करते हुए पूर्व मे जारी अधिसूचना को यथावत रखा जाना चाहिए का आग्रह किया गया। बंसल ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया तथा इस विषय पर टीम कैट को सकारात्मक आश्वासन दिया ।

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