नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया है कि कोरोना की दूसरी लहर में अभी 11 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. 31 मार्च को खत्म हुए पखवाड़े में इन्हीं राज्यों से 90 फीसदी केस सामने आए हैं. विशेष रूप से महाराष्ट्र की स्थितियां बेहद चिंताजनक हैं. राज्य को सलाह दी गई है कि तत्काल बढ़ते मामले और मौतों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं. राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा उठाए कदमों की रिव्यू मीटिंग के बाद दोहराया गया है कि सर्विलांस सिस्टम मजबूत बनाने और कोरोना को रोकने के लिए अधिक मेहनत की जरूरत है. साथ ही वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी और कोरोना संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करवाना होगा.
मीटिंग में सामने आया है कि टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इन इलाकों से संक्रमण अगर ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचा तो प्रशासनिक स्तर पर दिक्कतें हो सकती हैं. इसका कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर नहीं होना है. कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए राज्य से सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए. स्वास्थ विभाग और सुविधाओं पर इस वक्त सबसे ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
इससे पहले केंद्र की तरफ से अब राज्यों को कोरोना को लेकर जिलेवार रणनीति बनाने के लिए कहा जा चुका है. दरअसल ऐसा कई राज्यों में सामने आ रहा है कि कुछ जिलों में ज्यादा प्रकोप है तो कुछ में बेहद कम. ऐसे में जिलेवार रणनीति बनाने पर राज्य ज्यादा कारगर तरीके से काम कर सकेंगे. साथ ही प्रशासनिक खामियों पर भी ध्यान देने को कहा गया है.