CG Cabinet expansion: मंत्रिमंडल विस्तार पर भी होगी चर्चा
12 निगम मंडल और आयोग में नियुक्ति भी लगभग फाइनल कर दिये जाने की जानकारी मिल रही है जो कैबिनेट की बैठक के बाद घोषणा की जा सकती है। बाकी में नियुक्ति संगठन से चर्चा करने के बाद होगी।
मंत्रिमंडल विस्तार पर भी होगी चर्चा
मंत्री बनने की दौड़ में धरमलाल कौशिक,अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, गजेन्द्र यादव और पुरन्दर मिश्रा के नाम सबसे आगे है। अब देखना है इनमें से किसकी किस्मत चमकती है और कौन दो मंत्री बनाये जाते हैं।
रायपुर raipur news । विष्णुदेव साय केबिनेट Vishnudev Say Cabinet की आज बैठक होगी। बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार सहित कई निर्णय पर चर्चा होगी। शिक्षक भर्ती पर भी मुहर लगने की संभावना है। प्रदेश में शिक्षा विभाग में शिक्षकों के साथ ही पद बड़ी संख्या स्टाफ के पद भी खाली हैं। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल शिक्षा विभाग संभालते ही अफसरों के साथ पहली बैठक में ही विमर्श प्रारंभ कर दिया था। वे इससे पहले भी शिक्षा मंत्री रह चुके थे।
chhattisgarh news इस वजह से उन्होंने विभाग की सबसे बड़ी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पहले ही चरण में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की। बुधवार को होने वाली केबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है। अग्रवाल ने इसके लिए बकायदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को नोटशीट भी भेजी है। साथ ही इसे उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भी मार्क किया है, ताकि शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्त विभाग की ओर से तत्काल मंजूरी मिल सके। अग्रवाल ने सीएम को बताया है कि प्रदेश में 78 हजार पद खाली हैं। इनमें से 33 हजार की घोषणा की गई है। भर्ती की अनुमति की नस्ती वित्त विभाग में लंबित है। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया कई चरणों में किया जाना प्रस्तावित है। यदि इन भर्तियों की तत्काल अनुमति दे दी जाती है तो प्रदेश के युवाओं के भीतर नई चेतना एवं विश्वास की भावना जागृत होगी।
भर्ती बजट सीमा के अंदर ही की जाएगी। इससे राज्य पर अतिरिक्त व्यय भार नहीं आएगा। बताते हैं कि बजट में इसके लिए प्राप्त प्रावधान है। अग्रवाल ने यह नोटशीट लोकसभा चुनाव के पहले चलाई थी। उनके मंत्री पद छोडऩे से पहले यदि राज्य में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती हैं तो यह शिक्षित बेरोजगार और प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए बड़ा अवसर होगा। इसके पहले भूपेश सरकार ने लगभग 14 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी। इनकी नियमित शिक्षकों के रूप में भर्ती की गई थी। जबकि शिक्षकों को एलबी शिक्षक के रूप में नियुक्ति दे दी गई। उनकी भर्ती निकायों ने नहीं शिक्षा विभाग ने की है। वे अभी दो साल की परीविक्षा अवधि में हैं। समझा जाता है कि इसके बाद वे अपने हक की आवाज उठा सकते हैं।