मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल भी आचार संहिता लगने से पहले तय
छत्तीसगढ़ में आचार संहिता कभी भी, 18 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अब 18 जनवरी को होगा। इससे पहले 15 जनवरी की तारीख तय की गई थी लेकिन इसमें संशोधन करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने नई तारीख तय कर दी है।
आयोग ने बताया है कि प्रदेश में विकास खंडवार सभी पंचायतों का त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2024-25 कराये जाने हेतु फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार करने के लिए पहले में जारी कार्यक्रम में बदलाव करते हुए करते हुये निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी से बढाकर 18 जनवरी शनिवार कर दिया गया है।
श्वङ्करू से चुनाव कराने की तैयारी : प्रदेश में अब निकाय चुनाव बैलेट पेपर के बजाय ईवीएम से कराए जाने की तैयारी है। सरकार ने मामले में परामर्श देने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। इससे पहले, डिप्टी सीएम अरुण साव बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी। संगठन की बैठक के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, चुनाव आयोग ईवीएम के जरिए चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है। आयोग इस दिशा में काम कर रहा है। हरसंभव कोशिश होगी की नगरीय निकाय के मतदान ईवीएम से ही हो।
18 जनवरी के कभी भी चुनाव का ऐलान : छत्तीसगढ़ में 18 जनवरी के बाद कभी भी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। आयोग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दोनों चुनाव की घोषणा एक साथ की जाएगी, लेकिन मतदान अलग-अलग कराए जाएंगे। त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव मतपत्र के जरिए ही होंगे।
ईवीएम के प्रावधान विलोपित कर मतपत्र से मतदान कराने के संशोधित प्रावधान लागू किए गए थे। बताया गया है कि, छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 32, छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 14 के तहत निर्वाचन कराए जाने का दायित्व राज्य निर्वाचन आयोग में निहित है। नियमों में परिवर्तन भी राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से ही संभव है।
एक ही ईवीएम पर महापौर व पार्षद चुनेंगे : राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी है कि निकाय चुनाव में करीब 25 - 30 हजार कर्मचारी बूथों पर मतदान कराएंगे। इनके अलावा सुरक्षा बल भी तैनात होंगे। हर जिले में करीब 500-500 अधिकारी कर्मचारी अलग से चुनाव की मॉनिटरिंग करेंगे। सरकार के सभी विभागों के स्टाफ को चुनाव में झोंका जाएगा। केवल अत्यावश्यक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, वेटेरनरी आदि के स्टाफ को पृथक रखा जाएगा। इन विभागों के स्टाफ को रिजर्व में रखेंगे। इनकी जरूरत पडऩे पर ही चुनावी ड्यूटी में लगाएंगे। इसी तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट से होंगे। प्रदेश में बूथों की संख्या 30 हजार है। हर बूथ में 5 कर्मचारी के हिसाब से सवा से डेढ़ लाख कर्मचारी केवल बूथों पर लगेंगे। मानिटरिंग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी अलग से लगेंगे। पंचायत चुनाव गैर दलीय आधार पर होंगे। इसलिए मतपत्र में उम्मीदवार का नाम और प्रतीक चिन्ह ही होगा। निकाय - पंचायत चुनाव अलग - अलग होते रहे हैं। इन्हें कराने में लगभग 75 दिन यानी ढाई महीने लगते थे। अब पंचायत मंत्री व उप मुख्यमंत्री अरूण साव का दावा है कि चुनावी प्रक्रिया 35 दिन में पूरी कर ली जाएगी।
किरण सिंहदेव ही होंगे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
बिलासपुर से अमर अग्रवाल, दुर्ग से गजेंद्र यादव, रायपुर से मूणत और पुरंदर के नाम
विस्तारित मंत्रिमंडल में रायपुर को प्रतिनिधित्व मिलने पर सशंय
बहुप्रतिक्षित साय सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार और मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की भी प्रबल संभावना है। भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी होना है, माना जा रहा है है कि इसी माह आचारा संहिता के पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश बाजपा अध्यक्ष के लिए एक मात्र नाम अभी पार्टी में किरणसिंहदेव ही सर्वसम्मत है तो माना चा रहा है कि किरण देव को ही फिर से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुने जा सकते है। और इसके तत्काल बाद राज्य में मंत्रिमंडल का भी विभागों का फेरबदल और विस्तार होने का है । बिलासपुर संभाग से अमर अग्रवाल और दुर्ग संभाग से गजेंद्र यादव के नामों की चर्चा है रायपुर लगभग शून्य हो सकता है फिर भी कुछ कहा नहीं जा सकता अंतिम चरणों में कुछ भी हो सकता है। रायपुर शहर के जो दो नाम चर्चित रहे उनमें राजेश मूणत और पुरंदर मिश्रा है। दोनों की दावेदारी को भी कमजोर नहीं माना जा सकता है। यदि रायपुर शहर को प्रतिनधित्व देने की बात आई तो इन्हीं दोनों में से एक नाम तय हो सकते है। परिस्थिति विपरीत रही तो रायपुर इस बार मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व के मामले में शून्य हो सकता है।