अक्टूबर का महीना सडन कार्डियक डेथ अवेयरनेस का माह है। रामकृष्ण केयर अस्पताल, रायपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जावेद परवेज ने इस पर विस्तार और लोगों को जागरूक करने के लिए इस विषय में बताया। हर वर्ष 10 लाख से भी अधिक भारतीयों की अचानक दिल की धड़कन रूकने से मृत्यु हो जाती है। यह एक विकार है जिसमें हृदय अचानक पंप करना बंद कर देता है और तुरंत मृत्यु हो जाती है। लगभग 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो जाती है, इनमें 85 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु सही समय और तरीके से बायस्टेन्डर सी.पी.आर, जो कि जीवन रक्षक प्रतिक्रिया है न मिलने की वजह से हो जाती
डॉ. ने बताया कि लोग अक्सर हार्ट अटैक को कार्डियक अरेस्ट समझते है। परंतु हार्ट अटैक हृदय की रक्त आपूर्ति में बाधा का परिणाम है जबकि कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी समस्या है जहां या तो दिल बहुत तेजी से धड़कता है या अचानक पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है। छाती में तकलीफ, घबराहट, बार-बार बेहोश होना, सांस लेने में कठिनाई इत्यादि जैसे लक्षण यदि महसूस होते हैं तो इन्हें चेतावनी का संकेत समझ डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।
यदि आप किसी को अचानक गिरते हुए देखते हैं, पल्स कम है, सांस नहीं ले पा रहा है तो उसे तुरंत सी.पी.आर. देना शुरू करें। सही समय पर बायस्टेन्डर सी.पी.आर. मरीज का जान बचाने की संभावना 3-4 गुना बड़ जाता है। प्रारंभिक सी.पी.आर. में छाती को दबाकर मुंह के द्वारा ऑक्सीजन दिया जाता है जिससे हृदय आम तरीके से पंप कर सके। बायस्टेन्डर सी.पी.आर. में केवल छाती में दबाव दिया जाता है।
डॉ. परवेज ने बायस्टेन्डर सी.पी.आर. की प्रक्रिया को इस तरह से समझाया है :1. व्यक्ति के सीने के बगल घुटने के बल बैठ जायें। 2. एक हाथ की एडी को दूसरे हाथ के उपर रखकर छाती के बीच में रखें। 3. अपनी बाहों को पूरी तरह से फैलाएं (कोहनी को सीधा रखें) 4. 90 डिग्री के एंगल में (कंधों को सीधा रखके) जोर से दबाएं और पूरी तरह से दबाने के बाद अपना दबाव छोड़ दें। यह एक दबाव है। इसी तरह प्रति मिनट 100 या उससे अधिक दबाव दें। अचानक कार्डियक अरेस्ट कैंसर से ज्याद घातक हत्यारा है और बायस्टेन्डर सी.पी.आर. इसके खिलाफ हमारा सबसे मजबूत हथियार है।