शहीद जवानों के बलिदान की निशानी मिटाने से, "माफीनामे" शौर्य चक्र में नहीं बदलेंगे : सीएम भूपेश बघेल
रायपुर। दिल्ली के इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही लौ में विलय किया जाएगा. अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. केंद्र सरकार के इस फैसले का सीएम भूपेश बघेल ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि शहीद जवानों के बलिदान की निशानी मिटाने से, "माफीनामे" शौर्य चक्र में नहीं बदलेंगे. #AmarJawanJyoti
भारत सरकार के सूत्र ने कहा, 'अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिला दिया जा रहा है. ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है.'