छत्तीसगढ़

निगम के रवैये से गोल बाजार के कारोबारी परेशान

Nilmani Pal
22 March 2022 5:40 AM GMT
निगम के रवैये से गोल बाजार के कारोबारी परेशान
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  1. दुकानों की नाप-जोख हुई नहीं और आपत्तियों का हो गया निराकरण!
  2. कारोबारियों का आरोप-लगातार झूठी खबरें फैला रहे निगम के जिम्मेदार
  3. निगम माफ कर सकता है विकास शुल्क - गोलबाजार में कुल 579 दुकानें हैं। सभी दुकानदारों ने नई दरों पर करीब 1 हजार रुपए, निर्मित क्षेत्रफल पर प्रति वर्गफीट पर लागू किया गया है। इस विकास शुल्क का कारोबारी विरोध कर रहे हैं। शुल्क की वजह से यदि किसी की 100 वर्गफीट की दुकान है, तो उनसे एक लाख रुपए लिए जाएंगे। गोल बाजार विवाद से जुड़ा एक बड़ा मसला जल्द ही सुलझ सकता है। विकास शुल्क को लेकर व्यापारियों और नगर निगम के बीच जारी खींचतान खत्म हो सकती है। जल्द ही शासन के स्तर पर गोल बाजार के विकास शुल्क में व्यापारियों को बड़ी राहत दी जा सकती है। निगम सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है। ऐसा होने पर गोल बाजार के कारोबारियों को लाखों का फायदा हो सकता है। वर्तमान समय में बाजार में कई व्यापारियों ने दो और तीन मंजिला दुकानें बना ली है। प्रत्येक फ्लोर में यदि 100 वर्गफीट है और दुकान 3 फ्लोर की तो 300 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल विकास शुल्क तीन लाख तक देना होगा। खबर है कि इससे जल्द ही राहत देने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम प्रशासन इसे लेकर जल्द ही बड़ी घोषणा कर सकता है। गोलबाजार छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मार्कट है। यहां से प्रदेश भर में समान भेजे जाते हैं। ऐसे में निगम के इस फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। बीते दिनों गोलबाजार व्यापारी महासंघ सड़क पर उतर आया था। मानव श्रृंखला बनाकर व्यापारियों ने विरोध जताते हुए नारेबाजी की थी।

सारे व्यापारी एक ही नारा लगा रहे थे कि सारा का सारा गोलबाजार हमारा है। व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष धनराज जैन ने बताया कि निगम की ओर से जो व्यापारियों को मालिकाना हक देने का प्रस्ताव दिया गया है,उसमें कई विसंगतिया हैं। इसे दूर करने की मांग हम कर रहे हैं।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। 21 मार्च 2022 के रायपुर के एक दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर ने गोल बाजार के व्यापारियों को पुन: बेचैन कर दिया है। खबर में कहा गया है कि गोल बाजार के सभी व्यापारियों की नाप जोख की आपत्यिों को पुन: नाप जोख करवा निराकरण कर दिया गया है। यह भी कि पुन: नापजोख का काम पूर्ण कर लिया गया है जबकि यह सरासर गलत है । कुछ व्यापारियो की दुकानों की ही पुन: नापजोख कर सुधार किया गया है जबकि अधिकांश व्यापारी यह खबर पढ़कर भौचक्के रह गये हैं कि नापजोख का काम पूर्ण कर लिया गया है । वे अभी तक निगम कर्मचारियों की राह ही तक रहे हैं।

खबर में साथ ही यह भी लिखा गया है कि व्यापारियों की सभी आपत्तियों को दूर कर लिया गया है यह तथ्य भी सरासर गलत है । गोल बाजार के व्यापारियों की मुख्य तीन चार मांगें हैं जिनमें से प्रथम नाप जोख की गल्तियां, दूसरी व्यापारियों के द्वारा अपने खर्च से अपनी दुकान के निर्माण का शुल्क हर फ्लोर के लिये अलग-अलग निगम मांग रहा है उसे हटाना तीसरा विकास शुल्क जो निगम 1000 रु. प्रति स्कवेयर फीट प्रति तल अर्थात तीन तल का 3000 रु. फीट जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह दर 23 रु. से 76 रु. प्रति स्कवेयर फीट है को प्रदेश की दरों के अनुसार लेना तथा रजिस्ट्री के बाद 10 वर्षों तक सम्पत्ति कर में छूट की मांगें प्रमुख हैं। अभी तक एक भी मांग पर नगर निगम की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आयी है जबकि निगम कह रहा है कि व्यापारियों की सभी आपत्यिों को दूर कर लिया गया है।जैसा कि पहले ही कई बार बताया जा चुका है गोल बाजार में अधिकांश व्यापारी गरीब और निम्न तबके के हैं हंडी पसरा में दशकों से मटके आदि बेचने वाली महिलाओं की पीड़ा हो या चूड़ी लाइन के चूड़ी विक्रेताओं की बेबसी, पान व्यवसायी, रुई, अगरबत्ती व्यापारी और छोटे कपड़ा व्यापारी अपने भविष्य को लेकर काफी सशंकित हैं । कहाँ से लाएंगे लाखों रुपया यही चिन्ता उन्हें रात दिन खाये जा रही है।

गोल बाजार व्यापारी महासंघ के मीडिया प्रभारी आर के गुप्ता ने कहा कि- सभी सदस्य और पदाधिकारी भी इस खबर को लेकर आक्रोशित हैं। महासंघ ने कुछ दिन पूर्व गोल बाजार में एक घण्टे की मानव श्रृंखला बनाकर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था जिसे शहर वासियों और कई व्यापारिक संगठनों के साथ ही कई पार्षदों का भी समर्थन मिला था तब महापौर का बयान था कि व्यापारियों की मांगे निरस्त नहीं की गयीं हैं तो किस बात पर आंदोलन, तबसे व्यापारी महापौर के किसी सकारात्मक बयान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। गोल बाजार व्यापारी महासंघ का गंभीर आरोप है कि जबसे नगर निगम गोल बाजार के इस प्रस्ताव को लाया है तबसे नगर निगम द्वारा मीडिया में लगातार भ्रामक और एकतरफा खबरें प्रकाशित कराई जा रहीं है जिसका अब व्यापारी महासंघ हर स्तर पर हर मंच पर पुरजोर विरोध करता आया है। चाहे वो इस तरह की खबरें हों कि गोल बाजार के व्यापारी निगम के प्रस्ताव से प्रसन्न हैं जबकि वास्तविकता यह है कि गोल बाजार के गरीब व्यापारियों की नींद उड़ी यह बात भी उतनी ही सत्य है कि व्यापारियों ने मुख्यमंत्री के सामने मालिकाना हक लेने की सहमति दी थी किन्तु तब यह ज्ञात नहीं था नगर निगम शुल्क पर शुल्क के पहाड़ जैसे बोझ से गरीब व्यापारियों का जीना हराम कर देना चाहता है। गोल बाजार व्यापारी महासंघ ने नगर निगम के जिम्मेदारों से अनुरोध किया है कि हमारी बेबसी पर अट्टहास करने के स्थान पर गरीब व्यापारियों के हित में काम करे, सभी व्यापारियों की सहमति से काम करे, एकतरफा और झूठी खबरें प्रकाशित कराना बंद किया जाय और मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने हेतु व्यापारियों को अधिकाधिक राहत, सहायता, सहयोग देकर गोलबाजार से जुड़े लाखों लोगों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाये। और अपने आपको व्यापारी विरोधी होने के ठप्पे को लगने से बचाये।

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