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रायपुर: भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार की बजट चर्चा को औपचारिक एवं दिखावे का बजट बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीगत व्यय का पचास प्रतिशत पैसा भी खर्च नहीं कर पा रही है, जो कि विकासपरक काम में व्यय होता है। उन्होंने कहा कि सरकार का बजट अनुपयोगी कार्यों जैसे वेतन बांटने, ऋण चुकाने या अपने लोगों को उपकृत करने में खर्च हो रहा है। इस सरकार में बड़ी-बड़ी घोषणाएं हो रही हैं लेकिन जमीनीस्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा हैं।
बृजमोहन अग्रवाल आज पत्रकारों से मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों से विभागवार चर्चा के संदर्भ में प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बजट लगभग एक लाख बीस हजार करोड़ का हो चुका है लेकिन सरकार को बजट की वास्तविक स्थिति बताना चाहिए- इनके बजट के पूंजीगत व्यय का पचास प्रतिशत भी खर्च नहीं हो पा रहा है। इस मद से सड़क, स्वास्थय, बिजली, पानी एवं हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित होती हैं। इसके बदले सरकार सारा पैसा अपने लोगों को उपकृत करने और अनुपयोगी कार्यों में खर्च कर रही है।
इनका बजट केवल दिखावे का बजट है। शहर के लिए पिछले तीन सालों में शारदा चौक से तात्यापारा तक सड़क के लिए पैंतालिस करोड़ रुपए नहीं है। रायपुर एक्सप्रेस वे को पूरा करने के लिए पैसा नहीं है। शहर में पांच से लेकर सात अंडरब्रिज पूरा करने के लिए पैसा नहीं है। इस सरकार में न गांवों में विकास हो रहा है और न शहरों में विकास दिख रहा है। ऐसा लगता है जैसे बजट का अस्तित्व ही खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ऐसी योजनाएं जिसमें इनको व्यक्तिगत फायदा दिखता है उस योजना के मैचिंग ग्रांट के लिए पैसा है लेकिन ऐसी योजना जिसमें व्यक्तिगत लाभ नहीं हो रहा है उसके प्रति उपेक्षा बरती जा रही है। उन्होंंने कहा कि सरकार बताए कि प्रधानमंत्री आवास क्यों नहीं बन पा रहे हैं। दो हजार बाइस तक सभी घरों में नल जल योजना के माध्यम से नल कनेक्शन लग जाने थे क्यों नहीं लग पा रहे हैं। क्या सिर्फ इसलिए कि इन योजनाओं में आपका व्यक्तिगत लाभ नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भूपेश सरकार के बजट से आम जनता को कुछ नहीं मिलना है, यह केवल एक औपचारिकता है जिसे पूरा किया जा रहा है।
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