छत्तीसगढ़

BSF जवान को आया हार्ट-अटैक, सीपीआर देकर बचाई गई जान

Nilmani Pal
27 Dec 2022 3:37 AM GMT
BSF जवान को आया हार्ट-अटैक,  सीपीआर देकर बचाई गई जान
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रायपुर। कोरोना आने के बाद से हार्ट-अटैक की बीमारी आम हो गई है। नाचते-गाते, बाइक चलाते, बैठे-बैठे लोग जान गंवा रहे हैं। लेकिन इस बीमारी में मरीज को तत्काल और सही तरीके से सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) मिल जाय जो उनकी जान बच जाती है। भानुप्रतापपुर में नक्सली मोर्चे पर डटे बीएसएफ जवान को हार्ट-अटैक के तीन घंटे बाद भी सीपीआर की वजह बचाया जा सका है। जैसे ही सीने में दर्द के बाद वह बेहोश हुआ, वहां के आन ड्यूटी डॉक्टर तारीक ने तत्काल सीपीआर देकर होश में ला दिया और एंबुलेंस से कार्डियक सुविधा वाले अस्पताल को रवाना हो गए। यह खबर दैनिक समाचार पत्र से ली गई है.

विशेषज्ञ के मुताबिक - हार्ट अटैक से पहले बॉडी में कमजोरी आने लगती है. आराम में रहते हुए भी जल्दी थकान महसूस होने लगती है. शरीर में कमजोरी की वजह से चक्कर भी आ सकते हैं. इन संकेतों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें। समय रहते डॉक्टर तथा अस्पताल से संपर्क करें।

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