जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने शांति नगर सिंचाई कॉलोनी को तोड़कर कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने का मामला फिर विधानसभा में उठाया। उन्होंने शासन से जानना चाहा कि क्या शांति नगर सिंचाई कॉलोनी में बने पुराने शासकीय आवासों ,बंगलो , गार्डन व अन्य निर्माण को तोड़कर नया व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने का निर्णय लिया गया है, किसने और कब लिया? कितने आवास व अन्य निर्माण तोड़े जाएंगे? क्या उसका मूल्य का आकलन किया गया है? कार्य प्रारंभ हो गया है, यदि हां तो कब से, किन ओर से और क्या-क्या कार्य किया गया है? प्रोजेक्ट किस विभाग का, प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा? कितने लागत का है ? जमीन का स्वामित्व किसके पास है? वर्तमान में भूमि राजस्व रिकॉर्ड व मास्टर प्लान में किस मद व नाम में दर्ज है? कुल क्षेत्रफल कितना है? उक्त कॉलोनी में कितने अधिकारी कितने कर्मचारी रहते हैं? इन्हें दिए जाने वाले शासकीय आवास की लागत कितनी आएगी। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रश्नों के उत्तर में यह स्वीकार किया कि जर्जर आवास के मूल्य का आकलन नहीं किया गया है। शासकीय कर्मचारियों को दिए जा रहे आवास के मूल्यों का भी आकलन नहीं किया गया है । साथ ही इस प्रोजेक्ट के वर्तमान में समय एवं लागत बता पाना संभव नहीं है। अधिकारियों को व कर्मचारियों को जो आवास दिया जा रहा है, उक्त आवासों के अनुमानित लागत नहीं निकाला गया है। कर्मचारियों का जो आवास तैयार होना है उनका भी अनुमानित लागत नहीं किया गया है। वन मंत्री ने प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस कार्य के लिए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को निर्माण एजेंसी घोषित किया गया है। रीडेवलपमेंट योजना के अंतर्गत अधिकार संपन्न मंत्री समूह का गठन किया गया है। उन्होंने यह निर्णय लिया है, जिनका अनुमोदन मंत्रिपरिषद से कराया गया है शांति नगर में 314 आवास तोड़े जाएंगे, पर इन आवासों के मूल्य का आकलन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की ओर से नहीं किया गया है ।
वन मंत्री ने बताया कि 22 भवनों को तोडऩे की कार्रवाई की गई है। यह योजना पीपीपी मॉडल के तहत की जाएगी। प्रस्तावित प्रोजेक्ट आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का है। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर कितना समय लगेगा व कितना लागत लगेगा दोनों बताना संभव नहीं है। वन मंत्री ने बताया कि यह भूमि जो 37.2 एकड़ है। राजस्व रिकार्ड में शासकीय भूमि चिन्हित है। मास्टर प्लान में आवासीय दर्ज है । शांति नगर कॉलोनी में 292 शासकीय अधिकारियों कर्मचारी निवासरत हंै। इसमें गृह विभाग के अधीन आने वाले 30 शासकीय आवासों को डिस्मेंटल योग घोषित किया गया है। प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने यह नहीं बताया कि यह योजना कितने की है और कब पूरी होगी?
दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक को आजीवन कारावास और 1 लाख का जुर्माना
रायपुर। मदरसे में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को आजीवन कारावास और एक लाख जुर्माना की सजा हुई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को मामले की सुनवाई की। विशेष लोक अभियोजक मोरिशा नायडू ने बताया कि 2016 के पूर्व बैजनाथपारा के एक मदरसे के शिक्षक आबाद अली ने नाबालिग से दुष्कर्म किया। केस डायरी के अनुसार वह हमेशा कक्षा के दौरान छात्रा के साथ ऐसा कृत्य किया करता था। पीडि़ता के मना करने पर वह कहता था कि किसी को पता नहीं चलेगा। इससे कुछ नहीं होगा कहकर नाबालिग से दुष्कर्म करता रहा। लगातार ऐसा करने के बाद उसने किसी को बताने पर जान से मारने और मदरसे से भगा देने की धमकी दी। इस दौरान छुट्टियों में जब वह अपने घर गई। वहां उसने अपने परिजनों से कहा कि वह रायपुर मदरसे में पढ़ाई करने नहीं जाएगी। उसे दूसरे मदरसे में भर्ती कराया गया। इस बीच वह गर्भवती हो चुकी थी। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद परिजनों के सामने सच्चाई आई। उन्होंने इसकी पूछताछ की। उसके बाद आरोपी आबाद के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।