बृजमोहन अग्रवाल ने जारी किया खाद सप्लाई का आंकड़ा, कहा - झूठ बोल रहे है मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री
रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल सरकार तीखे आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में पर्याप्त खाद की व्यवस्था होने के बाद भी यह सरकार किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पा रही है। किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे है। किसान सोसायटी के बाहर घण्टो बारिश में लाइन लगाकर खड़े हुए हैं। वहीं खुले बाजार में खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है। कालाबाजारी में सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता एवं इनके संरक्षित व्यापारी खुलेआम लगे हुए हैं।
अग्रवाल ने 13 जुलाई की स्थिति में राज्य में खाद के भंडारण व वितरण की स्थिति सामने रखते हुए कहा कि, खाद के लक्ष्य के अनुपात में केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। पर छत्तीसगढ़ सरकार खाद माफियाओं के इशारे पर किसानों तक खाद का वितरण नही होने दे रही है।
प्रदेश में यूरिया का 6 लाख 50 हज़ार मेट्रिक टन लक्ष्य रखा गया था और अब तक 5 लाख 92 हजार मेट्रिक टन यूरिया मिला है। डीएपी का 3 लाख मैट्रिक टन लक्ष्य रखा था अब तक 1 लाख 94 हजार मेट्रिक टन यूरिया मिल गया है। एनपीके का 1 लाख 10 हजार मेट्रिक टन का लक्ष्य था अब 55 हजार मेंट्रिक टन मिला गया है। एमओपी का 80 हजार मेट्रिक टन का लक्ष्य था अब तक 50 हजार मेंट्रिक टन मिल गया है। एसएसपी का 2 लाख 30 हजार मेट्रिक टन का लक्ष्य था अब तक 2 लाख 11 हज़ार मेट्रिक टन खाद मिल चुका है।
अग्रवाल ने कहा कि पूरे खरीफ सीजन में फसल के लिए 13 लाख 70 हजार मेट्रिक टन खाद का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरुद्ध 13 जुलाई तक छत्तीसगढ़ में 11 लाख 2 हजार मेट्रिक टन खाद पहुंच चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार के अकर्मण्यता, अव्यवस्था व कालाबाजारियों को संरक्षण के चलते अब तक सिर्फ 7 लाख 34 हजार मैट्रिक टन खाद का वितरण हो पाया है अभी भी सरकार के पास 3 लाख 68 हजार मेट्रिक टन खाद गोदामो में अभी भी पडा हुआ है जिसे वे किसानों तक वितरण के लिए पहुँचा नही पा रहे है। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को क्रमबद्ध समय पूर्व खाद उपलब्ध कराया जा रहा है पर सरकार अपने गोबर खाद को बेचने के चक्कर में किसानों तक इस खाद को पहुंचने नहीं दे रही है। किसानों को दबाव पूर्वक 2 रुपये में उन्ही से खरीदा गया गोबर मिट्टी व कंकड़ मिलाकर 10 रुपये किलो में खरीदने मजबूर किया जा रहा है। 30 किलो की जैविकखाद की बोरी में 20 किलो 25 किलो खाद निकल रही है और कीमत भी यूरिया डीएपी पोटास से ज्यादा।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार के संरक्षण में जिले-जिले व गांव-गांव में खाद की कालाबाजारी हो रही है, सोसायटियों में खाद नहीं मिल रहा है और निजी दुकानों में खाद का भंडार भरा हुआ है किसानों को लूटा जा रहा है 266 रुपए का यूरिया 600 रुपए में,1350 का डीएपी 2000 रुपए में, 535 रुपए का एसएसपी खाद 800 रुपए में व पोटास खाद 2200 से 2500 रुपए में खुलेआम बेचा जा रहा है। किसानो को लूटा जा रहा है।अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार के ऊपर खाद माफिया इतने हावी हैं कि यह सरकार इन कालाबाजारियों के ऊपर कार्रवाई तक नहीं कर पा रही है।