छत्तीसगढ़

Brijmohan Agarwal छत्तीसगढ़ के जननायक

Shantanu Roy
3 Jun 2024 6:39 PM GMT
Brijmohan Agarwal छत्तीसगढ़ के जननायक
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छग
Raipur: रायपुर। इस लोकसभा चुनाव में कई तरह की चर्चाएं हो रही है। कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो आम चर्चा है। मोदी आएंगे या नहीं आएंगे,भाजपा 400 सीटें जीतेगी या नहीं जीतेगी यह भी चर्चा का एक विषय है। परंतु यहां हमारे छत्तीसगढ़ में इन चर्चाओं के अलावा एक खास व्यक्ति विशेष चर्चाओं के केंद्र बिंदु में है वह हैं बृजमोहन अग्रवाल Brijmohan Agarwal जी हां वही बृजमोहन अग्रवाल जो रायपुर से लगातार आठ बार विधायक रहे और पिछले 35 सालों से एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा में डटे हुए हैं।

1990 में महज 30 साल की उम्र में अभिभाजित मध्य प्रदेश की सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री स्वतंत्र प्रभार की भूमिका से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ की राजनीतिक क्षितिज में विराजित होने के साथ ही लोगों के हृदय में भी वे बसे हुए है। इस बार लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी ने विशेष रूप से उन्हें रायपुर लोकसभा से भाजपा की टिकट दी है। परंतु यहां पर उनकी जीत की चर्चाएं नहीं है बल्कि चर्चाएं यह है कि बृजमोहन अग्रवाल कीर्तिमान रचेंगे या नहीं। रायपुर लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल को देश में सबसे ज्यादा वोटो से जिताने का संकल्प लेती स्वयं जनता दिख रही थी। जनता के प्रति इसी विश्वास के साथ मैं कह सकता हूं कि कल यानी 4 जून को ईवीएम से डाटा बाहर आएगा तो निश्चित तौर पर कमल ही कमल खिलता दिखाई देगा।

दलगत राजनीति से ऊपर छवि का फायदा
बृजमोहन अग्रवाल की पृष्ठभूमि आरएसएस की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति से राजनीति की शुरुआत हुई। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा यानी भाजपा से जुड़कर जनता के बीच कार्य किया। परंतु अपने इस सफर में बृजमोहन अग्रवाल ने सिर्फ मुद्दों की राजनीति की और जनहित को सर्वोपरि रखा। यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने राजनीति के चक्कर में किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ी। मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ वे सबसे ज्यादा मुखर रहे और आज भी रहते हैं। परंतु व्यक्तिगत संबंधों की बात हो तो बृजमोहन अग्रवाल से अच्छा दोस्त किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को कभी नहीं मिल सकता है। आपको पता ही है कि बृजमोहन अग्रवाल ने 1989 से लेकर अब तक लगातार आठ विधानसभा चुनाव लडे और जीते हैं। और उन चुनावों में जितने भी उनके विरोधी प्रत्याशी रहे उनसे उनकी अच्छी मित्रता हो गई जो आज तक कायम है।

हमने देखा है की राजनीति में लोग व्यक्तिगत दुश्मनी कर बैठते हैं। परंतु यहां पर पूरा मामला ही उलट है। जो भी बृजमोहन जी का विरोधी होता है वह आने वाले कल में उनका मुरीद हो जाता है। मैंने ऐसा पहला राजनीतिक व्यक्ति देखा है जिनकी किसी से भी बोलचाल बंद नहीं है। यहां पर एक और बात का जिक्र करना जरूरी हो जाता है कि आमतौर पर नेता अपने विरोधी दल के नेता से सार्वजनिक रूप से मिलने में कतराते हैं। परंतु बृजमोहन जी के साथ ऐसा नहीं है। कहीं कोई विरोधी नेता मिल जाए तो हाथ पकड़ कर उनके साथ चाय पीने भी बैठ जाते हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं रहती की कौन इसे किस रूप में लेगा या क्या मतलब निकालेगा, षडयंत्र या साठगांठ कहेगा। असल में बृजमोहन अग्रवाल संबंधों में जीते हैं। जो उनकी बड़ी ताकत है। यही वजह है कि हर चुनाव की तरह इस लोकसभा चुनाव में अपनी अपनी राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर लोगों ने उन्हें सहयोग किया है।

हर समाज को अपना सा लगते हैं बृजमोहन
अपने 35 साल के राजनीतिक कार्यकाल में बृजमोहन अग्रवाल ने कभी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं की। सिर्फ और सिर्फ क्षेत्र के विकास और जनहित के मुद्दों पर अपना फोकस रखा। हर धर्म हर समाज का गरीब आदमी मुख्य धारा से जुड़कर तरक्की की राह पर आगे बढ़े। उसका जीवन स्तर ऊंचा उठे यही प्रयास हमेशा से उनका रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे ज्यादा सामुदायिक भवन अपनी विधायक निधि से विभिन्न समाजों के लिए बनवाए हैं। जहां उनका प्रयास रहता है कि सामाजिक क्रियाकलापों के अलावा लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो ताकि आर्थिक उन्नति की दिशा में भी बड़ा जा सके। ऐसे ही अपनत्व भाव के कार्यों की वजह से ही छत्तीसगढ़ में कुर्मी, तेली, सतनामी,आदिवासी, ब्राह्मण बनिया,सिंधी, पंजाबी अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों के बीच बृजमोहन अग्रवाल की छवि एक अच्छी पारिवारिक सी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसी भी समाज का अधिवेशन या कार्यक्रम हो और बृजमोहन अग्रवाल उसमें बतौर अतिथि न पहुंचे ऐसा हो नहीं सकता। क्योंकि उन सामाजिक लोगों की पहली पसंद उनके बृजमोहन भैया ही है। मैने तो कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष देखा है कि समाजों के कर्ताधर्ता पूरे अधिकार और जिम्मेदारी के साथ बृजमोहन जी को अपने समाजहित का काम सौपते है।उन्हें पता है कि बृजमोहन जी को कोई काम सौंपा मतलब पूर्णतः की गारंटी है। बृजमोहन अग्रवाल जी के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व से जुड़ी यह सब बातें जो मैंने महसूस किया और जो देखा वही आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। मैं तो यही कहूंगा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में इनके कद का नेता,लोकप्रियता में इनके मुकाबले कोई दूसरा नहीं है। आज उनके सांसद बनने की पूर्व संध्या अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए यही कहूंगा कि प्रभु राम का आशीर्वाद बृजमोहन भैया पर सदैव बना रहे और लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ हम छत्तीसगढ़ वासियों को गौरवान्वित करें।

पुनः प्रचंड जीत की अग्रिम बधाई...बृजमोहन भैया
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