पत्थलगांव। खुले बोरवेल में लगातार हादसों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बावजूद जमीनी स्तर पर काम करने वाला प्रशासनिक अमला सबक लेने के लिए तैयार नहीं है। जशपुर जिले के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में आज भी खुले बोरवेल को बन्द करने की ठोस पहल नहीं होने से आसपास खेलने वाले नन्हे बच्चों पर हर समय खतरा मंडराते रहता है।
बगीचा जनपद में गायबुड़ा ऐसा गांव है, जहां पहाड़ी कोरवाओं की बस्ती में तीन बोरवेल तो खनन करा दिऐ हैं, लेकिन पानी उपलब्ध होने के बाद भी किसी पर हेंड पम्प स्थापित नहीं किया गया है। लाखों रुपये के सरकारी खर्च वाले ये बोरवेल अब ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। यहां पत्थलगांव, बगीचा, और फरसाबहार क्षेत्र के दूरस्थ इलाकों में बोरवेल खनन के बाद इनको बन्द करने का आवश्यक काम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बगीचा जनपद का गायबुड़ा गांव में जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद अनेक बोरवेल लम्बे समय से खुले पड़े हैं।
गायबुड़ा गांव में कई ऐसे ही बोरवेल हैं जहां हर समय छोटे बच्चे खेलते रहते हैं। इन खुले बोरवेल से बच्चों के परिजनों को भी खतरे का अंदेशा है, लेकिन जनपद अधिकारी के निर्देश के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाला सरकारी अमला बेखबर बैठा है।