- कभी-कभार की चलताऊ कार्रवाई से अवैध धंधेबाजों के हौसले बुलंद
- पहले डीजी बंगले के पीछे संचालित हो रहा था सट्टा, 'जनता से रिश्ता' में खबर छपने के बाद सटोरियों ने बदला ठिकाना
- रवि के गुर्गे कर रहे धंधा
राजधानी में नशा और सट्टा-जुआ का कारोबार पूरी तरह उफान पर है, ऐसे अवैध कारोबार करने वाले मुख्य संचालक और असामाजिक तत्व अपने अड्डों में ना रहकर शहर के बाहर से अपने भरोसेमंद गुर्गों की मदद से इसका संचालन कर रहे है। कालीबाड़ी में रवि साहू गैंग के गुर्गे अब एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है। ग्राहकों को सट्टा खिलाना और गांजा पिलाना उनका पुराना पेशा था। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी ये सटोरिए अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे है। और अपने अवैध कारोबार को फैलाने के लिए इस हद तक गिर गए है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी के छत्तीसगढ़ कॉलेज के आस-पास सट्टेबाजों ने अपना अड्डा जमा लिया है। शहर के कई इलाके ऐसे है जहां पर नशा-जुआ-सट्टा का कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस कभी कभार इन इलाकों में करवाई करती है, लेकिन कार्रवाई के कुछ दिनों बाद ये धंधे फिर सक्रिय हो जाते है। सिविल लाइन का इलाका अवैध कारोबारों के लिए बदनाम है, अब इसी तर्ज पर विद्याचरण शुक्ल चौक से लेकर छत्तीसगढ़ कॉलेज जाने वाले मार्ग और इलाके में इस तरह के अवैध धंधे पंप रहे है। जबकि इस इलाके में नामी कॉलेज सहित कई ख्यात हिंदी और अंग्रेजी मीडियम की स्कूलें है। नशे-सट्टे के कारोबार से स्कूली बच्चे प्रभावित हो सकते है इसे देखते हुए इलाके में पुलिस को छापामार कार्रवाई करने की जरुरत है।
सट्टेबाजों की हिम्मत बढ़ी
रायपुर के हर इलाके में नशे का कारोबार चलते जा रहा है। लॉकडाउन में भी नशे का कारोबार राजधानी में लगातार फैलते जा रहा है। नशे के सौदागर अब स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्श रहे है। राजधानी में संचालित सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के आस-पास इन सौदागरों ने अपने ठीहे बना रखे है जहां से बच्चों को नशे के सामान उपलब्ध कराए जा रहे है। नशे के कारोबारियों ने स्कूलों के आस-पास चाय टपरी और ठेले वालो को अपने धंधे में सहभागी बना लिया है जिसके माध्यम से वे स्कूली बच्चों को आसानी से नशे के आदि बना रहे है। शहर में हो रहे अपराधों को कम करने के लिए पुलिस भी अथर प्रयास कर रही है बावजूद अपराध पर लगाम लगाना थोड़ा मुश्किल नजऱ आ रहा है। और वही दूसरी तरफ कोरोना महामारी में भी नशे के सौदागर अपना कारोबार चला रहे है जिसके चलते नवयुवक-युवतियां नशे में मदमस्त है और नशे की पार्टियों में भी संलिप्त रहने लगे है।
सिविल लाइन इलाका बना दूसरा धारावी
राजधानी में नवनिर्मित पंडित विद्याचरण शुक्ल से लेकर छत्तीसगढ़ कॉलेज का मार्ग अब शहर का दूसरा और सबसे कुख्यात धारावी बन गया है। इस इलाके में शाम होते ही नशेडिय़ों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। इस इलाके का मुख्य सरगना तक पुलिस भी नहीं पहुंच पाता है। हर दिन इस इलाके में लोग नशे का कारोबार चलाते है, जिस पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। रायपुर शहर का इस मार्ग में शिक्षा का मंदिर है जहां बच्चों का भविष्य सुधरता है और इसी मार्ग में बच्चों के भविष्य को खराब करने के लिए नशे का कारोबार किया जाता है। इस मार्ग में रात को कोई भी गुजरता नहीं है अंधेरे का लोग गलत फायदा उठाते है जिसकी वजह से इस इलाके में नशा फल-फूल रहा है। इस तरह से ये मार्ग रायपुर का दूसरा धारावी बन गया है। इस जगह पर पुलिस को जल्दी काबू पाना होगा और नशे के सौदागरों को जल्दी ही सलाखों के पीछे भेजना होगा वरना शहर की युवा पीढ़ी इस धारावी के नशे में डूबते चले जायेंगे।
खुलेआम चल रहा सट्टा
राजधानी में सिविल लाइन, समता कालोनी, तेलाबांधा, कटोरातालाब, राजातालाब, बस स्टैंड, मोवा, दलदल सिवनी, मठपुरैना, गुढिय़ारी, कोटा, गोगांव, खमतराई, बिरगांव, कबीर नगर, बोरिया खुर्द और बोरिया कला, टीटीबंध, लाभांडी के तक सटोरियों का जाल बिछा है। हर रोज लाखों के दाव लगते है। लेकिन पुलिस बेखबर है।
डॉन की हिम्मत बढ़ी
डॉन रवि साहू इतना बड़ा डॉन माफिया बन गया है जो रायपुर शहर में मुंबई की तर्ज पर अफीम, चरस, गांजा, सट्टा और अवैध शराब का कारोबार चला रहा है। तब तो अब छुटभैय्या नेताओं के अलावा बड़े नेताओं पर भी उंगली उठने से नहीं रोका जा सकता। क्योंकि किसी भी पार्टी के नेता और विधायक ने उसके अवैध कारोबार का विरोध कर कभी भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात नहीं की जो अचंभित करता है। सब कुछ खुलेआम चल रहा है। उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं रहा और पुलिस भी उसके खिलाफ किसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई करते नहीं दिखती। अगर पुलिस कार्रवाई करती भी है तो वह उसके छोटे गुर्गों को पकड़कर असली अपराधी को पिछले दरवाजे से छोड़कर अपनी वाहवाही लूटने का दिखावा मात्र होती है।