छत्तीसगढ़

सट्टा खिलाने के रोज नए तरीके इजाद कर रहे सटोरिये

HARRY
23 Aug 2021 4:54 AM GMT
सट्टा खिलाने के रोज नए तरीके इजाद कर रहे सटोरिये
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पुलिस का सरेंडर और छुटभैय्ये नेताओं का संरक्षण मिलने से अवैध धंधेबाजों की चांदी

रवि साहू के गुर्गे शहरभर में फैले, पुलिस मूकदर्शक बनी

रायपुर (जसेरि)। राजधानी के कई इलाकों में सट्टा कारोबार चल रहा है जिसे रोकने की हिम्मत पुलिस में भी नहीं है, शहर का डॉन अपने सारे पत्ते एक साथ नहीं खोल रहा है। रोज सट्टा खिलाने का नया तरीका अपना रहा है, वही दूसरी तरफ कई इलाकों में सट्टा-जुआ का कारोबार बढऩे लगा है। लगातार नशे की वजह से भी अपराध भी बढ़ते जा रहे है। आजकल युवा ऑनलाइन चाकू मंगाकर रौब दिखने के लिए चाकू लेकर घुमते है। शहर भर में सट्टा कारोबार रवि साहू की गैंग चला रहा है। लेकिन पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती है। पुलिस को इनके ठिकाने में दबिश देती जरूर है लेकिन उससे पहले ही रवि और उसके गुर्गों को पुलिस के आने की खबर मिल जाती है जिस वजह से रवि और उसके गुर्गे खुद को अपने इलाके से बाहर रखकर पुलिस की नजऱों से छिपकर घुमते है।

ओपन, क्लोज का खेल सरेआम : रायपुर में एक समय था कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आज-कल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। छुटभैय्या नेताओं की पहुंच और पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम शहर में संचालित हो रहा है। पुलिस और खाईवालों की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये खाईवाल अपने गुर्गों के नाम हर महीने एक-एक प्रकरण बनवा देते हैं। ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है। जबकि वास्तव में ये सांठगांठ का एक पहलू होता है। सवाल ये है कि जब पुलिस हर महीने सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर खाईवालों तक क्यों नहीं पहुंच पाती।

सिविल लाइन थाना पुलिस के नाक के नीचे से ये सट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। दिनेश और उसके गुर्गे आकाशवाणी कालीमंदिर के आगे, डीजीपी साहब के बंगले के पीछे, नाले के पास दिनेश गैंग के गुर्गे खुलेआम महिलाओं और बच्चो को मिलाकर सट्टा-पट्टी काटते और अवैध कारोबार को संचालित करते है। शहर में सट्टा और जुआ का खेल चल रहा है। शाम होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चले रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोग कई बार पुलिस को शिकायत देकर इस पर प्रतिबंध लगाने की फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस रवि साहू के गुर्गों को हर महीने एक-एक जमानती धाराओं में पकड़कर अपनी पीठ थपथपा लेते है। लेकिन रवि साहू की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है।

रवि साहू की गैंग में नए सदस्यों को जोड़ा गया है, ये ऐसे हिस्ट्रीशीटर है जो जेल से जमानत में या पैरोल में छूटे हुए है उन आरोपियों को गैंग में शामिल किया गया है। और अपने सट्टे के कारोबार में रवि साहू ने इजाफा भी किया है। पुलिस और अपराधियों की लुकाछिपी का खेल सालों से चला आ रहा है। ऐसे अवैध कारोबार करने वाले मुख्य संचालक और असामाजिक तत्व अपने अड्डों में ना रहकर शहर के बाहर से अपने भरोसेमंद गुर्गों की मदद से इसका संचालन कर रहे है। कालीबाड़ी में रवि साहू गैंग के गुर्गे अब एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है। ग्राहकों को सट्टा खिलाना और गांजा पिलाना उनका पुराना पेशा था। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी ये सटोरिए अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे है। और अपने अवैध कारोबार को फैलाने के लिए इस हद तक गिर गए है कि बच्चों और बुजुर्गों तक को नहीं छोड़ा। अपराध की दुनिया आये दिन बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से इस दुनिया में अपराध करने वालों की संख्या बढऩे लगी है। पुलिस तो समाज से इस नशे और सट्टे के कारोबार का पूरा इलाज करना चाहती है। और इस बीमारी को तो जड़ से मिटाना ही पुलिस का मकसद है मगर जमानती धाराओं से तो पुलिस भी परेशान है। कमजोर धाराओं के चलते थाने से ही जमानत पर छोडऩ़ा पड़ता है। राजधानी में सट्टे के कारोबारियों ने सट्टा खिलाने का एक बड़ा ही नया और नायब तरीका ढूंढ निकाला है, अब सट्टेबाज सट्टा-पट्टी नहीं काट रहे बल्कि ऑनलाइन एप पर पैसों का लेन-देन कर सट्टा खिला रहे है। आईपीएल सीजन का रोमांच प्रारंभ होते ही सट्टा कारोबार चलते रहता है। साथ ही मैच में लगने वाले सट्टा व्यापार भी चरम सीमा पर है। शहर की पुलिस भी कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रही है।

रायपुर शहर में आए दिन सट्टेबाज और जुआरी पकड़े जा रहे है मगर उसके बाद भी ये लोग अपने अवैध कारोबार को बंद नहीं कर रहे है। शहर में आए दिन सट्टा खिलाने के आरोप दर्जनों को पुलिस गिरफ़्तार कर रही है मगर इनकी गिरफ़्तारी का कोई खास असर रायपुर में नहीं दिख रहा है उसका एक ही कारण है ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए सट्टा खिलाया जाता है।

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