छत्तीसगढ़

जमानती धाराओं से सटोरियों के हौसले बुलंद, पुलिस त्रस्त

Admin2
10 July 2021 5:53 AM GMT
जमानती धाराओं से सटोरियों के हौसले बुलंद, पुलिस त्रस्त
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लगातार कार्रवाई के बाद भी बंद नहीं हो रहे जुए-सट्टे के अड्डे

व्यापारियों का भी सटोरियों को संरक्षण

रवि साहू की गैंग में नए सदस्यों को जोड़ा गया है, ये ऐसे हिस्ट्रीशीटर है जो जेल से जमानत में या पैरोल में छूटे हुए है उन आरोपियों को गैंग में शामिल किया गया है। और अपने सट्टे के कारोबार में रवि साहू ने इजाफा भी किया है। पुलिस और अपराधियों की लुकाछिपी का खेल सालों से चला आ रहा है। कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जो कहने के लिए शहर के बड़े व्यापारी हैं और उनका असली काम सट्टे का ही है। इसके अलावा रायपुर के सटोरियों के लिए सट्टा लगाने की व्यवस्था कालीबाड़ी से शुरू कर दी गई है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। लगातार सट्टा-जुआ के खिलाफ पुलिस छापामार कार्रवाई कर रही है लेकिन उसके बाद भी सटोरिए सट्टा खिलाने से बाज नहीं आ रहे। कमजोर क़ानूनी धारा और जमानती अपराधों के चलते सट्टा-जुआ के आरोपियों की थाने से ही जमानत हो जाती है। रोजाना पुलिस सटोरियों को गिरफ्तार करती है मगर छत्तीसगढ़ में कमजोर और जमानती धाराओं के चलते अपराधी छूट जाते है, पुलिस ऐसे आरोपियों से काफी त्रस्त हो रही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोज के पुलिस आधे दर्जन से भी ज्यादा सटोरियों को गिरफ्तार करती है लेकिन उनकी जमानत थाने से ही हो जाती है। ऐसे आरोपियों को रोकने में पुलिस इसलिए नाकाम होते जा रही है क्योंकि जुआ एक्ट की धारा ही जमानती धारा है जिस पर आरोपियों की थाने से ही जमानत हो जाती है।

रवि के गुर्गे अब तक कैद से बाहर

रायपुर पुलिस हर इलाके में सटोरियों को पकड़ती है लेकिन शहर के डॉन रवि साहू के गुर्गों को पकडऩे में पुलिस पीछे हट जाती है। रवि साहू गैंग के गुर्गे खुलेआम महिलाओं और बच्चो को मिलाकर सट्टा-पट्टी काटते और अवैध कारोबार को संचालित करते है। राजधानी में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं। शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कमजोर धाराओं के चलते रवि के गुर्गे जल्दी छूट जाते है जिस वजह से पुलिस भी ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम हो जाती है।

गलियों में चलता सट्टा

पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस इस पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई करने में जुट गई है लेकिन जमानती धाराओं के चलते आरोपी मुचलके में छूट जाते है यही कारण है कि शहर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं कमजोर कानून व्यवस्था ही है क्योंकि जिस तरह खुलेआम सट्टा चलने लगा है। माना जा रहा है कि रायपुर में रोजाना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। शहर में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश और छुटभैय्या नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है।

सट्टा की स्कीम से पुलिस गुमराह

शहर में आईपीएल मैच शुरू होते ही सट्टा का कारोबार भी जोर शोर से चलने लगता है। रायपुर में साइकिल से घूम-घूमकर सट्टा पट्टी लिखी जा रही है। शहर में नया बस स्टैंड, कटोरा तालाब, माना, वीआईपी रोड, राखी के पास खुलेआम सट्टा पट्टी लिखा जा रहा है। इसके आलावा कई साइकिल स्टोर, पान ठेला, गुमटी की आड़ में भी सट्टा-पट्टी लिखने का खेल चल रहा है। शहर से जुड़े कई गांवों में भी सट्टा कारोबारी पैर पसार चुके हैं।

सट्टे के इस खेल को बढ़ावा देने सटोरी ग्राहकों को मुफ्त में स्कीम देखने सट्टे नंबर वाले चार्ट उपलब्ध करा रहे हैं। इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहा है। शहर में बढ़ रहे अपराध पर अंकुश लगाने की पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी सट्टा-जुआ, अवैध नशीली दवाओं का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन जमानती धाराओं के कारण आरोपी छूट जाते है। और अपने अवैध गतिविधि में लग जाते है। पुलिस का काम कार्रवाई करना है और वो हम लगातार करते रहेंगे।

- लखन पटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

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