छत्तीसगढ़

निकाय चुनाव, परीक्षाओं के बाद चुनाव कराना लोगों के हित में होगा

Nilmani Pal
2 Jan 2025 6:14 AM GMT
निकाय चुनाव, परीक्षाओं के बाद चुनाव कराना लोगों के हित में होगा
x

निकायों में बैठेंगे प्रशासक, आदेश जारी

नांदगांव में 3, रायपुर में 6 और कोरबा निगम में 10 जनवरी को खत्म होगा महापौर का कार्यकाल

परीक्षाओं के बाद चुनाव कराना लोगों के हित में होगा

नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम सभी चुनाव एक साथ कराने की ओर बढ़ रहा हमारा प्रदेश

सभी चुनाव एक साथ कराने पर सरकार का जनता का पैसा बचेगा और कम ख़र्च में सभी चुनाव एक साथ संपन्न होंगे

बच्चों की स्कूली व बोर्ड एग्ज़ाम सभी तरह की परीक्षा भी समाप्त होने के बाद चुनाव सुविधा जनक होंगे

गर्मी में चुनाव होने से शिक्षकों और अन्य विभागों के कर्मचारियों और अधीकारियों को डबल बोझ उठाना नहीं पड़ेगा

रायपुर (द्भड्डठ्ठह्लड्डह्यद्गह्म्द्बह्यद्धह्लड्ड.ष्शद्व)। छत्तीसगढ़ के दस नगर निगमों का कार्यकाल 10 जनवरी से खत्म हो जाएगा। निगमों के महापौरों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही राज्य सरकार ने इन निगमों में प्रशासक बैठाने का आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है। संबंधित निगमों में प्रशासक के रूप में कलेक्टर पूरा कामकाज देखेंगे। 10 नगर निगमों में प्रशासक बैठाने का काम 3 जनवरी से शुरू हो जाएगा। आदेश के मुताबिक, राजनांदगांव नगर निगम तीन जनवरी से जिला कलेक्टर को हैंडओवर हो जाएगा। इसी तरह बिलासपुर 4 जनवरी, जगदलपुर 4 जनवरी, रायपुर 6 जनवरी, धमतरी 6 जनवरी, दुर्ग 6 जनवरी, रायगढ़ 6 जनवरी, एमसीबी 6 जनवरी, सरगुजा 8 जनवरी और कोरबा नगर निगम का कार्यकाल 10 जनवरी को खत्म होगा। इस दिन से इन निकायों में संबंधित जिलों के कलेक्टर प्रशासक के रूप में बैठ जाएंगे।

रायपुर में ये अफसर रहे चुके प्रशासक

रायपुर में गणेश शंकर मिश्रा, अजय नाथ जैसे अफसरों ने प्रशासक की जिम्मेदारी निभाई है। अब ये होगा कि जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में नगर निगम से जुड़े फैसले नहीं कर पाएंगे। यह जिम्मा अब प्रशासक के पास होगा। जोन अध्यक्षों की शक्तियां अब नगर निगम आयुक्त के पास होगी महापौर स्तर के फैसले लेने की शक्तियां प्रशासक के पास होगी, जो अब रायपुर या अन्य जिलों के कलेक्टर हैं।

नगरीय निकाय चुनाव में कितना खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मेयर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय कर दी गई है। 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी 25 लाख, 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख और 3 लाख से अधिक आबादी वाले निगम 10 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। वहीं, 50 लाख से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपए है। छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है।

इस बार मेयर चुनाव होगा डायरेक्ट

नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। साय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद नियम बदला गया था। इसमें मेयर चुनने का हक पार्षदों को दिया गया था। हालांकि भूपेश कार्यकाल से पहले भी जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी।

Next Story