छत्तीसगढ़

बोलने वाला चश्मा इस्तेमाल करेंगे नेत्रहीन, होगा काफी मददगार

Nilmani Pal
5 Jan 2023 2:49 AM GMT
बोलने वाला चश्मा इस्तेमाल करेंगे नेत्रहीन, होगा काफी मददगार
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रायगढ़। नेत्रहीनों को अपने रोजमर्रा की चीजों को खुद से करने में कई तरीके की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए वे किसी और पर निर्भर रहते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा समस्या पढऩे लिखने में होती है। किताबें कोई पढ़कर सुना दे या ब्रेल लिपि में उपलब्ध हो तो ही पढ़ पाते हैं। नेत्रहीनों को इन्ही इन्ही सब दिक्कतों से छुटकारे के लिए एक बोलने वाले चश्मे की इजाद युवा रवि किरण ने किया। जिसकी उपयोग से वे बिना किसी की मदद के पढ़ाई कर सकेंगे। इस उपकरण का प्रदर्शन उन्होंने हाल ही में जिंदल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित टेक फेस्ट में किया था। जहां इस डिवाइस को पहला इनाम मिला था। सभी नेत्रहीनों के लिए महत्वपूर्ण अविष्कार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला पंचायत सीईओ श्री अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में जिंदल प्रबंधन द्वारा टेकफेस्ट विजेता हैदराबाद के युवा वैज्ञानिक रविकिरण को आज वल्र्ड ब्रेल डे के दिन 1 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा ने उक्त राशि का चेक उन्हे सौंपा। ज्ञात हो कि वल्र्ड ब्रेल डे नेत्रहीनों के लिए संवाद को अधिक सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए समर्पित है।

अपने उपकरण के बारे में जानकारी देते हुए रवि किरण ने बताया कि यह उपकरण नेत्रहीन लोगों को पढऩे में काफी मददगार साबित होगा। इसे चश्मे की तरह पहनना होता है। जो सभी भारतीय भाषा की किताबों का वाइस ट्रांसलेशन कर देता है। साथ ही सामने रखे ऑब्जेक्ट के साथ मौजूद लोगों की संख्या के बारे में बताता है।

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