रायपुर। झीरम शहादत की 10वीं वर्षगांठ के समय भाजपा नेताओं द्वारा की गयी बयानबाजी बेहद ही स्तरहीन और आपत्तिजनक है। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने झीरम मामले में बयानबाजी कर भाजपा बेशर्म चरित्र को प्रदर्शित किया है। झीरम घाटी हमला एक ऐसा हत्या कांड था जिसने कांग्रेस के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था।
स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी। इस क्रूर हत्याकांड के लिये भाजपा और उसकी राज्य सरकार जिम्मेदार है। इस मामले में खुलासे के लिये जरूरी है कि रमन सिंह सहित तत्कालीन गृह मंत्री, तत्कालीन जिम्मेदार पुलिस के अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराया जाये।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा झीरम की जांच नहीं होने देना चाहती है। झीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर आये थे है। भाजपा डरती है झीरम का सच सामने आ जायेगा तो वह बेनकाब हो जायेगी। रमन सिंह से बड़ा क्रूर शासक आजाद भारत में आज तक नहीं हुआ। एक साथ विपक्ष के 31 नेताओं की हत्या हो गयी और तत्कालीन सरकार सच सामने आने देने से रोकने में पूरी ताकत लगा रखी थी। भाजपा के बड़े नेता झीरम की जांच को रोकने लगातार कोशिशें कर रहे उसमें साफ हो रहा झीरम के पीछे तत्कालीन भाजपा सरकार की भूमिका संदिग्ध है।