छत्तीसगढ़

भाजपा को नए चेहरों की तलाश

Nilmani Pal
2 Sep 2021 5:09 AM GMT
भाजपा को नए चेहरों की तलाश
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चिंतन शिविर में टिकिट मांगने वालों को जमीनी पकड़ बनाने की सलाह

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में चल रहे भाजपा के चिंतन शिविर का बुधवार को दूसरा दिन है। विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर शीर्ष नेताओं ने संकेत दिया है कि कई पुराने चेहरे बदले जा सकते हैं। इस बार कई नए लोगों को भी मौका मिल सकता है। प्रदेश में 15 साल के शासन के बाद मिली करारी हार से अब क्चछ्वक्क नेतृत्व उबरने की कोशिश में लगा है।

जगदलपुर के एक स्थानीय होटल में सुबह 11 बजे से शुरू हुई बैठक में शीर्ष नेताओं ने टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं को फटकार भी लगाई है। बस्तर में सभी 12 सीटों पर मिली हार के बाद नेताओं से साफ तौर पर कह दिया गया है कि जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करें। इसके बाद टिकट की बात कहें। छत्तीसगढ़ प्रभारी सहित सह प्रभारी और संगठन मंत्री ने प्रदेश के नेताओं से कहा कि वो अपनी छबि जनता के सामने बेहतर और विनम्र रखें। पिछले चुनाव के रिजल्ट से सभी को सबक लेना चाहिए।

लोकसभा चुनाव में भी नए चेहरों को मिला था मौका : लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा नए चेहरों पर प्रयोग कर चुकी है। सभी पुराने दिग्गजों को टिकट काटा गया था। इसके बाद प्रदेश की 11 में से 9 सीटें पर भाजपा को जीत मिली थी। अब संभवत: यही प्रयोग विधानसभा चुनाव के दौरान भी किया जा सकता है। पुराने चेहरों को लेकर पार्टी अपनी छवि फिर से बदलने की कोशिश कर सकती है।

बैठक में ये हैं मौजूद : इस चिंतन शिविर में भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव शिव प्रकाश, छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह-प्रभारी नितिन नवीन व संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व ष्टरू व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी बैठक में उपस्थित हैं। पहले दिन बस्तर से कोई भी नेता इस मीटिंग में शामिल नहीं हुआ था। हालांकि दूसरे दिन दिग्गज नेताओं में पूर्व मंत्री केदार कश्यप, किरण देव , लता उसेंडी, विक्रम उसेंडी, मनोज मंडावी सहित महेश गागड़ा को इस बैठक में जगह मिली। इस बैठक में कुल 58 नेता शामिल हुए।

बस्तर से इन मुद्दों पर रणनीति तय कर रही भाजपा : 31 अगस्त करे शुरू हुए इस चिंतन शिविर का 2 सितंबर को आखिरी दिन है। इस अहम बैठक में प्रदेश का हर बड़ा नेता शामिल तो है ही । यहां भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव शिव प्रकाश, छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह-प्रभारी नितिन नवीन व संगठन महामंत्री बी संतोष भी पहुंचे हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मिशन 2023 की रणनीति के लिहाज़ से ये सबसे अहम बैठक है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा प्रदेश में बस्तर के आदिवासियों के रोजगार, जमीन देने की योजना, नक्सलवाद, धर्मांतरण, किसानों की आय, बिजली की दरें, बस्तर और प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे मुद्दों पर एक आक्रामक रणनीति के साथ अपना राजनीतिक कम बैक पूरी ताकत से करेगी।

दिन में हुई सियासी बातें, प्रदेश प्रभारी ने दिया अहम बयान : दिन के वक्त चिंतन शिविर में प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डी पुरंदेश्वरी ने कहा, 'प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से लेकर अब तक 500 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। जो अपने आप में एक बड़ी बात है। भूपेश बघेल कहते हैं कि मैं किसान का पुत्र हूं। किसानों को 2500 रुपए बोनस भी दे रहा हूं। सच हालांकि यह है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को खाद और बीज की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो चिंता का विषय है। भाजपा ने अपने चिंतन शिविर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में इस विषय को भी रखा था। यदि भाजपा की सरकार आती है तो किसानों के हित में काम किया जाएगा।

चिंतन शिविर में दिखा नेताओं का जुदा अंदाज: जगदलपुर के होटल के कॉन्फ्रेंस हॉल में ये चिंतन शिविर आयोजित है। शाम को जब राजनीतिक बैठक खत्म हो गई तो नेताओं के स्नैक्स और कुछ देर बाद डिनर का प्रोग्राम था। स्थानीय कलाकारों को परफॉर्म करने बुलाया गया था। कलाकार अपने वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति देने लगे। इतने में राष्ट्रीय जनजाति आयोग के प्रमुख रह चुके नंद कुमार साय ने कुछ नेताओं से मंच की ओर चलने का आग्रह किया, मुस्कुराकर नेता उनके साथ हो लिए। इसके बाद नंद कुमार साय गले में ढोल टांगकर खुद नाचने लगे। सभी जुदा अंदाज में नजर आए। पारंपरिक वाद्य यंत्र जैसे बस्तर का ढोल, बांस से बने बाजे कलाकार बजा रहे थे। इस पर मशहूर फोक सॉन्ग ए पान वाला बाबू... की ट्यून बजा रहे थे।

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