एकात्म परिसर में BJP नेताओं ने की प्रेसवार्ता, आरक्षण मामले में कांग्रेस सरकार पर किया हमला
रायपुर। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नौकरी और कॉलेजों में एडमिशन में दिए गए 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण को हाईकोर्ट के खारिज किए जाने सियासत तेज हो गई है. भाजपा के आदिवासी नेताओं ने राज्य सरकार पर हाईकोर्ट में सही तरीके से पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया है.
भाजपा के आदिवासी नेताओं ने आरक्षण पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सरकार पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया. वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने कहा कि एसटी आरक्षण 32 से घटकर 20 फीसदी आरक्षण होने से हमें दुख है. राज्य सरकार ने विषय की गंभीरता को नहीं समझा. भ्रष्टाचार छुपाने के लिए सरकार बड़े-बड़े वकीलों को लगाती है. 50-50 लाख एक दिन वाले वकील को सरकार देती है.
उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य होने के कारण ही अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया था. सरकार की लापरवाही की वजह से आरक्षण कम हुआ है. यह सरकार आदिवासियों को प्रमुख नहीं मानती है.
वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम का बयान कहा कि एसटी आरक्षण पर हमारी सरकार रहते कोई दिक्कतें नहीं हुई. कांग्रेस सरकार के आते ही एसटी समाज के ऊपर खतरा मंडराने लगा है. इस सरकार के रहते हमारे अस्तित्व पर भी संकट है. नान घोटाले में फंसे अधिकारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था, उसी दिन दोनों की सुनवाई थी. सरकार बताए कि आरक्षण को बचाने के लिए कितने वरिष्ठ वकीलों को लगाया गया था. इसके पीछे जरूर कोई षड्यंत्र है, जिसकी वजह से फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया है.