छत्तीसगढ़

टिकट बचाने दिल्ली दौड़ रहे है छग के बीजेपी नेता : सीएम भूपेश बघेल

Nilmani Pal
13 Jan 2023 8:13 AM GMT
टिकट बचाने दिल्ली दौड़ रहे है छग के बीजेपी नेता : सीएम भूपेश बघेल
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रायपुर। बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रामचरित्र मानस समाज के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथ है. मानस में भगवान राम सहित अनेक चरित्रों का वर्णन है. हमें सार तत्व को ग्रहण करना चाहिए. किसी को भी फिजूल विवादों में नहीं पड़ना चाहिए. कुछ भी बोलना गलत है. भाजपा नेताओं की दिल्ली दौरे पर सीएम बघेल ने कहा, लोकसभा में सबका टिकट काटकर देख लिए. अभी गुजरात में सबका टिकट काट दिए. विधानसभा में सबकी टिकट कटने वाली है तो कैसे अपने आप को बचाएं, इस कवायद में लगे हुए हैं.

सीएम बघेल ने कहा, कोई भी ग्रंथ है उसमें विनोबा भावे जी का जो वर्जन है उसको मैं कोट करूंगा. उन्होंने कहा है कि कोई भी ग्रंथ है और किसी ग्रंथ में कोई विषय दिया गया है तो उसे बहुत गहन चिंतन करके उसके सूक्ष्म से सूक्ष्म तत्व को ग्रहण करना चाहिए. आज दिक्कत यह है कि हम ऊपरी ऊपरी बातें कहते हैं रामायण में बहुत गुड़ तत्व दिया गया है तो उन गुड़ तथ्यों को विवेचना कर हमें ग्रहण करना चाहिए.

सीएम बघेल ने कहा, उस समय तत्कालीन जो परिस्थितियां थी उसके तहत रचना की गई. आज 600 साल हो गए रामायण रचना किए, उससे पहले कई भाषाओं में रचना हुई है तो उसके जो मूल तत्व हैं उसे हमें लेना चाहिए. चाहे किसी भी धर्म ग्रंथ का हो उसमें जैसे लिखा है वैसे नहीं मानना चाहिए बल्कि आज की परिस्थिति में उनकी विवेचना करके जो उनके मूल तत्व है उसे ग्रहण करना चाहिए. यह विनोवा भावे जी ने कहा है. आजकल यह सोशल मीडिया और इसके माध्यम से बिल्कुल सतही तौर पर सारी विवेचना की जाती है. इससे समाज का भला नहीं होता. इससे समाज में विद्वेष ही फैलता है.

सीएम ने कहा, रामायण के मूल तत्व है कि राम का चरित्र क्या है, भरत, हनुमंत जी, लक्ष्मण जी, गुहा राज निषाद, जटायु का चरित्र क्या है तो इन चरित्रों को उनके जो गुड़ तत्व है उनको हमें आत्मसात करना चाहिए न कि सतही बातों का, उससे किसका भला होगा. चाहे किसी भी ग्रंथ की बात हो, जो 500 साल, 600 साल, 2000 साल पहले लिखी गई है आज के समय में वह रिलेवेंट हैं क्या, लेकिन उस समय वही बहुत बड़ा था और आज उसमें जो सूक्ष्म तत्व है उसको ग्रहण करना चाहिए. विवादों में नहीं पड़ना चाहिए. यह सब गलत है.


Nilmani Pal

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