रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर बीजेपी के बयान पर सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिस BJP के कार्यकाल में किसान आत्महत्या कर रहे थे, खेती छोड़ रहे थे, किसानी रकबा कम हुआ, उस BJP के पास फिलहाल कहने के लिए अब कुछ नहीं है तो जबरन राजनीति कर रहे हैं. ये वही BJP है जो चुनाव के समय में बोनस, बाद में कौन के फॉर्मूले पर काम करती रही है.
प्रदेश में एक नवम्बर से धान खरीदी का महाभियान शुरू हो गया है. धान खरीदी के दूसरे दिन तक प्रदेश के विभिन्न जिलो में किसानों से समर्थन मूल्य में 14 हजार 158 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 281.06 करोड़ रुपये जारी किया गया है. राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नए उत्साह का संचार हुआ है. खेती से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है. धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है.
इस साल लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है. समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.93 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है. जिसमें लगभग 2.03 लाख नए किसान हैं. राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं. इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है. पिछले साल 24.05 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था. इस साल 2.03 लाख नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. इस प्रकार पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर 25.93 लाख हो गई है. पंजीकृत किसानों के धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है. समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है. धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है. धान खरीदी के लिए सभी समितियों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.