छत्तीसगढ़

मध्यप्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से बनी बीजेपी सरकार उपचुनाव में हार और सत्ता जाने के डर से घबराई हुई है :भूपेश बघेल

Admin2
24 Oct 2020 5:40 AM GMT
मध्यप्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से बनी बीजेपी सरकार उपचुनाव में हार और सत्ता जाने के डर से घबराई हुई है :भूपेश बघेल
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मध्य प्रदेश के उपचुनाव का चुनावी रण चरम पर है. भाजपा नेता कांग्रेस पर तो वहीं कांग्रेस नेता भाजपा पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड रहे. इसी क्रम में छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर करारा हमला किया.ग्वालियर पहुंचे बघेल ने सांसद महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनके गढ़ में ही जोरदार हमला बोला और कहा कि सिंधिया को कांग्रेस ने सब कुछ दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बाद बिना पद रहना उन्हें रास नहीं आया…. वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान बिना सत्ता के छटपटा रहे थे और सिंधिया ने गठजोड़ करके भाजपा की सरकार बनवा दी….अब सिंधिया भाजपा में कब तक रहेंगे, कहा नहीं जा सकता क्योंकि चुनाव प्रचार में पोस्टर-बैनर से उनके फोटो तक गायब हैं…

ग्वालियर में चुनाव प्रचार नहीं कर पाने के सवाल पर बघेल ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि वह प्रचार करें, क्योंकि वे डरे हुए हैं… बघेल ने आगे कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में महाराज को एक अदने से कार्यकर्ता ने धूस चटा दी थी जिसके कारण सिंधिया अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं.

थोपा गया चुनाव : मध्यप्रदेश में उपचुनाव के बारे में बघेल ने कहा कि यह थोपा गया चुनाव है और जनता इसको समझ रही है. उन्होंने कहा कि 2018 में मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जनता ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन खरीद-फरोख्त करके मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनाई गयी और राजस्थान में प्रयास विफल हो गया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस के 15 महीने के कामकाज का हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन खुद 15 साल के काम का हिसाब नहीं देते.

केंद्र सरकार पर आरोप : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और हवाई हड्डों को बेचने के बाद किसानों की जमीन को पूँजीपतियों को सौंपने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों का हित संरक्षित करने के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. बघेल शुक्रवार को ग्वालियर में उपचुनाव का प्रचार करने आए थे, लेकिन उनकी सभाओं को प्रशासन की अनुमति नहीं मिली.

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