थाने में बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा, टीआई ने कराया शांत
बिलासपुर। सिविल लाइन थाने में रविवार की शाम भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच झूमा–झटकी और जमकर हंगामा हुआ। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करवाया। कांग्रेसियों का आरोप है कि चुनावी सर्वे के नाम से कही से डाटा चोरी कर भाजपा अपना प्रचार और कांग्रेस का दुष्प्रचार कर रही है। इसी बात की शिकायत करने दोनों पक्ष थाने पहुंचे थे और कहा सुनी के दौरान एक दूसरे से भीड़ गए।
जानकारी के अनुसार रविवार को 3 कथित मीडिया कर्मी मसानगंज में चुनावी सर्वे करने के लिए पहुंचे थे। तीनों घर-घर जाकर मतदाता सूची का निरीक्षण और जांच कर रहे थे। आरोप है कि घर-घर जाकर भाजपा सरकार की 15 साल की उपलब्धियां गिना रहे थे और कांग्रेस सरकार की कमियां सामने ला रहे थे। कांग्रेसियों को इस बात का पता चला तो कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष जावेद मेनन, तैयब हुसैन आदि ने सर्वे करने वाले युवक व युवतियों से पूछताछ की। तब उन्होंने ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन के लिए चुनावी सर्वे एक महिला के कहने पर करने की बात कही। सर्वे करने वाले युवक व युवतियां कहने लगी कि चुनाव आयोग से उन्हें इसके लिए अनुमति भी मिली है। जिस पर कांग्रेसियों ने उनसे चुनाव आयोग का परमिशन मांगा। परमिशन नहीं दिखा पाने पर कांग्रेसी तीनों को पकड़कर सिविल लाइन थाने ले आए और मतदाता सूची के सत्यापन की आड़ में भाजपा का प्रचार प्रसार करने का आरोप लगा कार्यवाही की मांग करने लगे।
इस बीच जानकारी लगने पर भाजपा के प्रवीण दुबे, मकबूल खान, दतगीर भाभा और अन्य सिविल लाइन थाने पहुंच गए और पकड़े गए युवकों युवतियों से बातचीत करने लगे। जिसके चलते कांग्रेसियों ने पकड़े गए लोगों को छोड़ने का दबाव बनाने का आरोप भाजपाइयों पर लगाया। फिर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। पुलिस ने पकड़े गए तीनों लोगों को प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करके छोड़ दिया। जिसका विरोध कांग्रेसी करने लगे जबकि भाजपाई उन्हें छुड़ाने का समर्थन करने लगे। जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच तू तू मैं मैं शुरू हो गई। फिर दोनों पक्ष थाने के अंदर ही भिड़ गए। उनके बीच झुमा झटकी और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को अलग किया और समझाईश देकर बाहर किया।