छत्तीसगढ़
बिटकॉइन घोटाला: रायपुर में गौरव मेहता के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, VIDEO
jantaserishta.com
20 Nov 2024 10:52 AM GMT
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रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बिटकॉइन घोटाले की जांच कर रही है। ईडी के अधिकारी बुधवार को रायपुर में गौरव मेहता के घर पहुंचे। उन्होंने यहां दस्तावेजों समेत पूरे घर की तलाशी ली। गौरव मेहता एक कंसल्टेंसी के लिए काम करते हैं, जो पुणे पुलिस को अमित भारद्वाज के 6,600 करोड़ के क्रिप्टोकरंसी घोटाले की जांच में मदद कर रही थी। बीते मंगलवार पूर्व आईपीएस रवींद्रनाथ पाटिल ने दावा किया था कि गौरव मेहता से सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने संपर्क किया था और चुनावों में इस्तेमाल के लिए घोटाले से बिटकॉइन के बदले नकदी मांगी थी। इसी के बाद से ही ईडी इसकी जांच में जुटी है।
Chhattisgarh: ED officers are at Gaurav Mehta's residence in Raipur. Gaurav Mehta, who works for a consultancy assisting Pune police in the Amit Bhardwaj cryptocurrency scam investigation, was allegedly contacted by Supriya Sule and Nana Patole for election-related funds pic.twitter.com/6Qsj4oLOPa
— IANS (@ians_india) November 20, 2024
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गौरव मेहता के घर की तलाशी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में की जा रही है। बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने आरोप लगाया था कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के लिए बिटकॉइन हेरफेर का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया था कि क्रिप्टोकरेंसी डीलिंग से प्राप्त नकदी का उपयोग महाराष्ट्र में वर्तमान चुनाव अभियान में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की हेराफेरी की गई। रवींद्र नाथ पाटिल ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिटकॉइन घोटाले में शामिल थे। उन्हें सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण प्राप्त था।
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: The Enforcement Directorate is conducting raids at the premises of Gaurav Mehta (employee of an audit firm named Sarathi Associates) in connection with an alleged Bitcoin scam. The searches are being carried out in Raipur, Chhattisgarh. https://t.co/ze92LbvahJ pic.twitter.com/lP0GktDwMp
— ANI (@ANI) November 20, 2024
उन्होंने पूरे घोटाले का ब्यौरा साझा करते हुए बताया कि साल 2018 के बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी घोटाले में फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मेरी कंपनी केपीएमजी को अपॉइंट किया था। उसको मैंने लीड किया था। साल 2022 में मुझे उसी केस के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। मैंने 14 महीने जेल में बिताए। इस दौरान वह यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया। उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रखा। आखिरकार, उन्हें चौंकाने वाले तथ्य मिले।
पाटिल ने खुलासा किया कि मामले में एक प्रमुख गवाह, एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी गौरव मेहता ने पिछले कुछ दिनों में उनसे कई बार संपर्क किया था। जब पाटिल ने जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी जांच के बारे में जानकारी साझा की। मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक वॉलेट जब्त किया गया था।
पाटिल ने खुलासा किया कि इस मामले के एक मुख्य गवाह गौरव मेहता (जो एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी हैं) ने पिछले कुछ दिनों में उन्हें कई बार संपर्क किया। जब उन्होंने आखिरकार जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी की जांच से जुड़ी जानकारी साझा की। मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक वॉलेट बरामद किया गया था।
हालांकि, मेहता के अनुसार, उस वॉलेट को दूसरे वॉलेट से बदला गया था। यह कथित तौर पर पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के निर्देश पर किया गया था। मेहता ने दावा किया कि पाटिल और उनके सहयोगियों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया, जबकि असली अपराधी गुप्ता और उनकी टीम थी। पाटिल ने मेहता पर घोटाले में सुप्रिया सुले और नाना पटोले का नाम लेने का भी आरोप लगाया।
मेहता ने आरोप लगाया कि वे बिटकॉइन हेरफेर के माध्यम से प्राप्त नकदी का उपयोग 2019 के लोकसभा चुनावों और वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों सहित दूसरे चुनाव अभियानों के वित्तीय मदद के लिए कर रहे थे।
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