छत्तीसगढ़

हर तरह से जंगल को बचा रही है बिरहोर जनजाति : जागेश्वर यादव

Nilmani Pal
22 Nov 2024 10:59 AM GMT
हर तरह से जंगल को बचा रही है बिरहोर जनजाति  : जागेश्वर यादव
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रायपुर। अपना पूरा जीवन बिरहोर जनजाति की सेवा में बिताने वाले पद्मश्री जागेश्वर यादव का कहना है कि विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर के जीवन में जंगल का विशेष महत्व है और यह जनजाति जंगल को हर तरह से बचाने के लिए सदैव प्रयासरत रहती है। सुविधाओं की वजह से इनके जीवन में वर्तमान में अनेक सुधार हुए हैं। श्री यादव ने यह बातें पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य अध्ययनशाला द्वारा प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान में कहीं।

रविवि के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. निस्तर कुजूर ने बताया कि समाजशास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययनशाला में दिनांक 19 से 23 नवम्बर 2024 तक प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस पद्मश्री जागेश्वर यादव जी के पाँच दिवसीय विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया है जिसके अंतर्गत तृतीय दिवस बिरहोर जनजाति की जीवन शैलीः पूर्व एवं वर्तमान विषय पर व्याख्यान दिया गया । श्री यादव ने बताया कि बिरहोर जनजाति विशेष पिछड़ी जनजाति है जो आज भी जंगलों एवं पहाड़ों में रहना पसंद करती है। पूर्व में की स्थिति अत्यंत दयनीय थी क्योंकि इनके जीवन यापन का साधन केवल आखेट था किंतु वर्तमान में ये कृषि ,पशुपालन , लकड़ी बेचने, रस्सी बनाने , दोना पत्तल निर्माण जैसे कार्यों को करने लगे हैं , जिससे उनके जीवन शैली में पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में अनेक सुधार हुए हैं । पूर्व में उनके आवास कच्चे थे जो केवल लकड़ी एवं पत्तों के बने होते थे किंतु वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजनाओं जैसी सुविधाओं के कारण इनके पास पक्के आवास है । वर्तमान में शासन द्वारा इन्हें कृषि एवं पशुपालन जैसे व्यवसायों से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। बिरहोर जनजाति के लोग जंगल में रहना पसंद करते हैं इसीलिए यह जंगल से संबंधित कार्य करते हैं। इनके जीवन में जंगल का बहुत महत्व है। क्योंकि सभी प्रकार की उनकी जीविका उनका खाना पीना सब वहीं से आता है, बिरहोर जनजाति जंगल को हर तरह से बचाने का प्रयास करता है।

यह व्याख्यान कार्यक्रम कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल जी के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. निस्तर कुजूर, प्रोफेसर एल. एस. गजपाल, वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हेमलता बोरकर वासनिक, अतिथि प्राध्यापक डॉ. ममता सिरमोर वर्मा, हुमप्रभा साहू, फलेंद्र कुमार तथा विभाग के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राएं में उत्सुकता और जागरूकता का वातावरण बना रहा, और सभी ने व्याख्यान के अंत में पद्मश्री यादव से सवाल भी किए।

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