विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये बनायी गयी टोकन व्यवस्था शानदार है। पहले हफ्ते भर समिति में तौल के लिये इंतजार करना पड़ता था। जिससे धान की चोरी होती थी और नुकसान भी होता था। अब धान बेचने में कोई परेशानी नहीं है। यह कहना है बहतराई के किसान रामकुमार साहू का, जो समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचने के लिये खरीदी केन्द्र सरकंडा में पहुंचा था। लघु एवं सीमांत किसान रामकुमार साहू के पास 1.58 एकड़ जमीन है। उसने सेवा सहकारी समिति सरकंडा स्थित खरीदी केन्द्र में 24 क्विंटल पतला धान बेचा। धान बेचने के तीसरे दिन उसके खाते में 1888 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बिक्री का पैसा उसके खाते में पहुंच गया है। गत वर्ष उसे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत समर्थन मूल्य पर बेचे गये धान का अंतर मूल्य तीन किश्तों में 11 हजार रूपये मिलचुका है। रामकुमार का कहना है कि इस वर्ष उसके परिवार ने दीपावली भी बहुत अच्छे से मनाई क्योंकि दीपावली के पूर्व उन्हें तीसरे किश्त का भुगतान मिला था।