राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में नशा मुक्ति वार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए अनुदान हेतु पत्र लिखा जाएगा साथ ही चिकित्सालय में स्थापित शिकायत पेटी को सुव्यवस्थित किया जायेगा और शिकायत पंजी भी संधारित की जाएगी। संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में आयेाजित जीवनदीप समिति की बैठक में यह निर्देश दिया गया।राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के जीवनदीप समिति की बैठक में संभागायुक्त ने चिकित्सालय में नशा मुक्ति वार्ड स्थापित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वर्तमान में चिकित्सालय में प्रत्येक गुरूवार को नशा पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए ओपीडी संचालित किया जा रहा है। वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए यहां नशा मुक्ति वार्ड बनाये जाने की पहल की गई है। संभागायुक्त ने चिकित्सालय में शिकायत पेटी को व्यवस्थित रूप से रखने और इस संबंध में बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिए। हर महीने कितनी शिकायतें मिली और कितने का निराकरण किया गया इसकी समीक्षा अपर कलेक्टर श्री बी.एस.उइके करेंगे।
संभागायुक्त ने चिकित्सालय परिसर के बाउंड्री वाल निर्माण में अतिक्रमण के चलते आ रहे व्यावधान को दूर करने के लिए अपर कलेक्टर को निर्देश दिया कि संबंधित तहसीलदार एवं एसडीएम को निर्देश दें और की गई कार्रवाई के रिपोर्ट के साथ अगली बैठक में वे भी उपस्थित रहें। चिकित्सालय के वार्ड क्र. 02 में अतिरिक्त टॉयलेट निर्माण हेतु स्वीकृति दी गई। चिकित्सालय में मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए कक्ष निर्माण हेतु एनटीपीसी सीपत को प्रस्ताव बनाने भेजने का निर्देश दिया गया। चिकित्सालय के वार्डाें के मरम्मत हेतु जिला खनिज न्यास निधि से राशि स्वीकृत की गई है। इन कार्याें को अगले महीने तक पूरा करने के निर्देश दिए गए।
चिकित्सालय को ई-हॉस्पीटल की सूची में शामिल करने के लिए पूर्व में स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय को पत्र लिखा गया था। इस संबंध में पुनः पत्र लिखने कहा गया। चिकित्सालय में एसईसीएल के सीएसआर मद से ईटीपी के निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया।
चिकित्सालय में लंबे समय से रहने वाले मरीजों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए एनजीओ को जिम्मेदारी दी जाएगी। संभागायुक्त ने निर्देशित किया कि ऐसी सामग्री निर्माण हेतु प्रशिक्षण दिलायंे जो अस्पताल के लिए उपयोगी हो। फिनाईल, गाज पट्टी, रूई पेड, फाईल पेड, मसाले, पापड़, बड़ी बनाने हेतु मरीजों को प्रशिक्षण दिया जाए जिससे अस्पताल में ही उनके द्वारा निर्मित सामग्री का उपयोग हो सके। अस्पताल भवन एवं आसपास प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रदूषण नियंत्रण मंडल बिलासपुर को पत्र लिखने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव श्री बृजेश राय, अपर कलेक्टर श्री बी.एस. उइके, अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नन्दा सहित समिति के सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।