किस्मत को ही अपनी नियती मान लेने वाली महिलाओं के जीवन में एक नई सुबह के रूप में ''बिहान '' शामिल हुआ है। गरियाबंद जिले के छुरा अंचल की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं बिहान से जुड़कर खुद को नई पहचान दे रही हैं। बिहान से जुड़कर महिलाओं ने अब धारा से विपरित बहने की ठानी है,इससे इनके जीवन में और निखार आ रहा है। संघर्ष से सफलता की ओर कदम बढ़ाने वाली इन महिलाओं ने पहले तो खुद को समूह से जोड़ा फिर सामूहिक बचत, निवेश और उत्पादन के सिद्धांत पर आगे बढ़ते हुए नई पहचान बनाने लगीं। अंचल में कई महिलाओं ने ऐसे व्यावसाय को चुना है जहां पुरूषों का वर्चस्व रहा है। वह अब सेन्ट्रिंग व्यवसाय, किराया भंडार, पशुपालन, आधुनिक खेती, आटा चक्की, होटल जैसे व्यवसाय सफतलापूर्वक कर रही है।
छुरा जनपद की सीईओ सुश्री रूचि शर्मा ने बताया कि शासन की मंशा अनुरूप छुरा अंचल में बिहान के माध्यम से महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्हें आर्थिक और समाजिक रूप से सक्षम बनाने की पहल की जा रही है। ग्राम रजनकटा की श्रीमती कौशिल निषाद सेन्ट्रिंग प्लेट का व्यवसाय करती है। उन्होंने समूह से जुड़ने के बाद 75 हजार रूपये का लोन लेकर मिक्सर मशीन और सेन्ट्रिंग प्लेट खरीद कर अपने पति के व्यवसाय को भी मजबूती प्रदान किया है। आज उनके पास दो सौ प्लेट और दो हजार वर्गफीट ढलाई के लायक सामग्री मौजूद है। अब वे प्रतिमाह लगभग 10 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही हैं।
ग्राम कुरूद की गृहिणी श्रीमती त्रिवेणी साहू ने बिहान से जुड़कर 80 हजार रूपये लोन लेकर टेण्ट हाऊस के कारोबार को आगे बढ़ाया। इससे उन्हें घर चलाने योग्य आमदनी आसानी से हो जाती है। इससे उन्होंने खुद के लिए दो पहिया वाहन खरीदा और कम्प्युटर सीख कर बिहान में ही सेवा दे रही हैं। इसी तरह ग्राम पेन्ड्रा की जय बड़ा देव समूह से जुड़ने के बाद लकेश्वरी धु्रव की आर्थिक स्थिति में बदलाव साफ दिखने को मिलता है। समूह से ऋण लेकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा और अब वह सिलाई, खेती कार्य, साग-भाजी उत्पादन और जैविक खाद का निर्माण करने लगी हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और अब वह अपने घर बनाने के सपने को साकार करने में जुटी हैं। ग्राम मुड़ागांव की एकता महिला समूह से जुड़ी श्रीमती पूजा गुप्ता होटल का कारोबार चला रही है। जिससे उनकी और परिवार की आजीविका अच्छे से चल रही है। ग्राम खट्टी की श्रीमती मोंगरा साहू समूह से ऋण लेकर उन्नत और वैज्ञानिक खेती से बरबट्टी की खेती कर किसानो के लिए मिसाल बन गई है। उन्होंने बताया कि समूह से जुड़ने के पश्चात और ऋण लेकर अपने सपनों को पूरा कर पा रही हूॅ। इसके अलावा ग्राम कुरूद की श्रीमती निर्मला निर्मलकर गुपचुप चाट ठेला खोलकर अपनी जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ा रही हैं। ग्राम पोंड की श्रीमती मधु साहू रेडी-टू-ईट निर्माण से जुड़ी हुई हैं। रेडी-टू-ईट के निर्माण के लिए उन्होंने समूह से ही ऋण लेकर आटा चक्की दुकान स्थापित की है। बिहान से जुड़कर कई महिलाएं मछली पालन, बकरी पालन,आटा चक्की, फैंसी स्टोर, और किराना दुकान का कार्य करते हुए एक नई इबारत लिख रही है।