छत्तीसगढ़

सट्टा का बड़ा सिंडिकेट, जल्द जारी होगा लुकआउट सर्कुलर

jantaserishta.com
8 Aug 2023 6:36 AM GMT
सट्टा का बड़ा सिंडिकेट, जल्द जारी होगा लुकआउट सर्कुलर
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नितिन और उसके पार्टनर क्रिकेट सट्टा के बेचते हैं आईडी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। न्यायधानी यानी बिलासपुर से ऑनलाईन सट्टे के बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। न्यायधानी के बाद राजधानी में ऑनलाईन सट्टे के बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने करीबन दर्जनभर बड़े सटोरियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी है। आरोप है कि शहर के नामी शिमर्स क्लब के संचालक नितिन मोटवानी उर्फ (चीकू) समेत कबाड़ी यूसुफ पोट्टी तक ऑनलाईन सट्टे के काले कारोबार में शामिल था. शहर में भीतर महादेव बुक, अन्नारेड्डी बुक समेत कई पैनल का काम धड़ल्ले से किया जा रहा था, आरोपियों ने सट्टे के काले पैसों से प्रदेशभर में कई कारोबार खुद को जोड़ लिया और सफेदपोश के आड़ में काले कारनामे करते रहें. जिसकी जांच अब पुलिस ने शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिमर्स क्लब, खमतराई स्थित स्क्रैप यार्ड समेत जमीनों का काम सिर्फ दिखावा था. आरोपियों का मुख्य काम ऑनलाईन के काले कारोबार का था, बताया जा रहा है कि इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना यूसुफ पोट्टी था, जिसने अपने साथ दर्जनों लोगों को काले कारोबार में जोड़ दिया था. यूसुफ पोट्टी 2 साल पहले तक कबाड़ के काम से जाना जाता था, लेकिन देखते ही देखते यूसुफ ने ऑनलाईन सट्टे का बड़ा का शुरू कर दिया. पुलिस टीम आरोपियों के अन्य कारोबार की जानकारी जुटा रही है। रायपुर के सिविल लाईन थाना में खाईवाल यूसुफ पोट्टी समेत 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन एफआईआर दर्ज होते तक सभी आरोपी अपने ठिकानों से फरार हो गए। पुलिस की स्पेशल टीम आरोपियों की तलाश के लिए एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन समेत टोल नाकों की पड़ताल कर रही है । इतना ही नहीं आरोपी किन-किन लोगों के संपर्क में थे, इसकी भी अंदरूनी जाँच की जा रही है । पुलिस के मुताबिक फरार आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपी छत्तीसगढ़ छोड़कर अन्य राज्यों मे ऑनलाईन सट्टे का पैनल संचालित करते थे, फरार आरोपियों का लुक आउट सर्कुलर जारी किया जा रहा है और दावा है कि जल्द इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक ऑनलाईन बैटिंग का मास्टरमाइंड यूसुफ पोट्टी महादेव एप के मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का खास दोस्त था. सौरभ और रवि की हर एक पार्टियों के शामिल होने यूसुफ दुबई तक जाता रहा है. जिसकी जानकारी पुलिस के हाथों लगी है. ऑनलाईन सट्टा संचालित करने वाले लोगों को यूसुफ महादेव और अन्ना रेड्डी का पैनल बाँतटा था, जिसके एवज में लाखों रुपए कमीशन के रूप में आता था. आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस को कई बड़े राज की जानकारी मिल सकती है. इस पूरे सिंडिकेट का खेल कई राज्यों में फैला हुआ है. सिंडिकेट के मास्टरमाइंड यूसुफ, सागर, अजय, नवीन बत्रा और फैजू थे, इनके काम ओडिसा, हिमाचल, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली,आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश समेत कई जगहों पर संचालित है. आरोपी रायपुर में रहकर अन्य राज्यों में सट्टे का काला कारोबार चला रहे थे. हालांकि पुलियसिया जांच में सौरभ और रवि उप्पल का नाम उजागर होने के बाद यूसुफ शहर में अपना मूवमेंट कम कर दिया था. सूत्रों का दावा है कि रायपुर में नितिन और सागर सट्टे का काम संभालते थे. आरोपियों की तलाश जारी: एएसपी अभिषेक माहेश्वरी रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. आरोपी कई राज्यों में ऑनलाईन सट्टा संचालित कर रहें थे. पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में जल्द अन्य राज्य रवाना होगी। आरोपी बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में रहेंगे।
सिमर्स क्लब का संचालक छूटा, हवाला के जरिए भुगतान
महादेव एप और सिमर्स क्लब संचालित करने वाले नितिन मोटवानी को केवल एक दिन जेल में रहना पड़ा। सोमवार को उसकी जमानत हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्लब की आड़ में सट्टे का कारोबार चलाने के पांच और बी पार्टनर है. क्लब के पांच पार्टनर है। नितिन के अलावा 4 अन्य पार्टनर भी महादेव एप के लिए काम करते है। उन चारों की गिरप्तारी नहीं हो पाई है। उनसे पूछताछ भी नहीं हुई है। नितिन के दो पार्टनरों में से एक सफायर ग्रीन कालोनी में रहता है। दूसरे का रेलवे स्टेशन रोड पर एख बड़ा होटल है. तीसरा पार्टनर यूसूफ पुट्टी को बताया जा रहा है। एक अन्य पार्टनर भी सट्टा से जुड़ा है। नितिन और उसके पार्टनर रायपुर ही नहीं अन्य राज्यों में भी सट्टा चलाते है। क्रिेकेट सट्टे के लिए ब्रांच और आईडी बेचते है। इसके करोड़ों की कमाई करते है।
बैंक खातों की जांच
पुलिस ने नितिन मोटवानी व सागर जैन को अलग-अलग जगह में महादेव एप और अन्ना रेड्डी के जरिए आनलाइन क्रिेकेट सट्टा चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन सटोरियों की बैंक डिटेल निकाल रही है। इन बैंकों के कातों में कितनी राशि का ट्रांजेक्शन हुआ है जांच करने में जुट गई है।
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