जेब से झीरम कांड का सबूत निकाल सरकार को सौंपे भूपेश बघेल, गृहमंत्री विजय शर्मा का बयान
रायपुर। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने चुनाव परिणाम, झीरम हमले की जांच, छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाणपत्रों की जांच और कवर्धा में हुए सड़क हादसे पर सरकार और गृहमंत्री विजय शर्मा पर जमकर निशाना साधा है। वहीं अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ब्यान पर प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने पलटवार किया है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भाजपा को SC, ST, OBC विरोधी सरकार बताने वाले बयान पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, विगत 4 से 5 साल में हिंदुओं में जाति प्रथा थोप दी गई। भले मूलतः वह मानते नहीं , कहीं प्रमाण नहीं है लेकिन फिर भी थोप दिया गया। इसमें फिर भी आरक्षण दिया गया यह स्वागत योग्य है। जिस धर्म में जाति की व्यवस्था नहीं है उस धर्म में आप एससी एसटी और ओबीसी बनायेंगे। तो यह लोगों के अधिकार का हनन है। स्पष्टता की बात यह है कि पिछले कुछ साल में ओबीसी के सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। सीएम के संज्ञान में इस विषय को लाऊंगा। पूरी कोशिश करूंगा की मामले की जांच हो। प्रमाण पत्र वोट बैंक की राजनीति के लिए बनाया गया है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को ढूंढने चुनौती देने पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, उन्होंने जबरदस्ती रोहिंग्या शब्द जोड़ दिया। इसके नए केस हमारे पास है। जिन्हें गांव वाले और बीएलओ नहीं जान रहे है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। स्थानीय लोगों को पीड़ा होती है। कई गांव में उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। क्योंकि अचानक उनका नाम मतदाता सूची में आ गया। ये सब पिछली सरकार के समय अधिक हुआ है।
झीरम मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हम भूपेश बघेल से आग्रह करेंगे अगर वह कह रहे हैं कि, उनके जेब में सबूत है तो वे उसे जांच कमेटी के सामने रखे। गिरेबान पकड़ने वाला मामला ही नहीं है वो काफी वरिष्ठ नेता है। जाति प्रमाण पत्र की जांच को लेकर डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा कि, ST,SC, ओबीसी वर्ग को आरक्षण इसलिए दिया गया है कि, उसे अवसर मिले अगर इसमें और भी वर्ग के लोगों को जोड़ देंगे तो उनके साथ अन्याय है और छत्तीसगढ़ में ऐसा हुआ है। एक विशेष समुदाय के लोगों को आदिवासियों और ओबीसी वर्ग का लाभ दिया जा रहा है।