छत्तीसगढ़

सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, जब तक बस्तर के लोग सहमत नहीं होंगे प्रारम्भ नहीं की जाएगी बोधघाट परियोजना

Nilmani Pal
6 Jun 2022 7:18 AM GMT
सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, जब तक बस्तर के लोग सहमत नहीं होंगे प्रारम्भ नहीं की जाएगी बोधघाट परियोजना
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कांकेर। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब तक बस्तर के लोग सहमत नहीं होंगे बोधघाट परियोजना प्रारम्भ नहीं की जाएगी। आगे सीएम ने कहा - बस्तर की अपनी अलग पहचान है। भौगोलिक से लेकर वनोपज और पर्यटन से लेकर नक्सल तक की बात होती है। 3.5 साल में बस्तर और कांकेर में परिवर्तन दिख रहा है। पिछले साढ़े तीन सालों में जो परिवर्तन हुए हैं, वो सबको दिख रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों ने काम किया है।

आदिवासियों की आय के साधन बढ़े हैं। हर विधानसभा में बैंक की माँग आ रही है। आर्थिक गतिविधियों में इज़ाफ़ा हुआ है। मोटरसाइकल, कार, ट्रेक्टर के शो रूम बढ़े हैं। कृषि में किसानों की रुचि बढ़ी है, इसी कारण बैंकों की माँग बढ़ी है, क्षेत्र में हो रही समृद्धि के कारण लोग वाहन खरीद रहे हैं, वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है, यह सुखद संकेत हैं। महुआ की ख़रीदी बढ़ी है। काजू से लेकर मिलेट्स तक और महुआ का मूल्य संवर्द्धन हो रहा है तो लोगों की जेब में पैसा आ रहा है। बदलते बस्तर की तस्वीर बदल रही है। मैं सन्तुष्ट हूं कि हमारी योजनाओं का क्रियान्वयन ज़मीनी स्तर पर हो रहा है। लोग सीधे योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।

हम हवाई सेवा का विस्तार कर रहे हैं, विकास के लिए काम कर रहे हैं। जो घोषणाएँ की हैं, उनके क्रियान्वयन के लिए 15 दिन में कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को कहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बंदोबस्त त्रुटि के लिए ड्रोन से सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का पहले साल चुनाव में और अगले दो साल कोरोना में बीते, हमने समय का उपयोग करते हुए योजनाएँ बनाई। अब योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, हाट बाज़ार क्लीनिक, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, गोधन न्याय जैसी अनेक अभिनव योजना शुरू की। कोंडागांव सहित बस्तर के इलाक़ों में दौरे का फ़ायदा आम जनता को मिला है। कई लोगों की समस्या का निराकरण त्वरित हो रहा है। भेंट मुलाक़ात का फ़ायदा आम आदमी को मिल रहा है। कार्यक्रम के पहले ही लोगों के सभी होने वाले काम हो रहे हैं। शिकायत कम मिल रही है तो करवाई भी कम या ना के बराबर है। योजनाओं का प्रचार प्रसार हो रहा है। ख़ामी के साथ अच्छाईयों का भी पता चल रहा है। खामियों को ठीक करने का मौका मिलेगा।

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