छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार का बड़ा फैसला: 151 नालों में होगा नरवा विकास

Admin2
8 Oct 2020 6:55 AM GMT
भूपेश सरकार का बड़ा फैसला: 151 नालों में होगा नरवा विकास
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कैम्पा मद के तहत 160.95 करोड़ रुपए की लागत से 10 लाख 77 हजार भू-संवर्धन संरचनाएं पूर्ण

मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्रों में जारी वर्ष में 1089 नालों के उपचार के लिए 209 करोड़ रूपए के नए भू-जल संवर्धन संरचना संबंधी कार्यों का किया शुभारंभ

प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व, 2 नेशनल पार्क और 1 एलीफेंट रिजर्व के 151 नालों में होंगे नरवा विकास के कार्य

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए संचालित की जा रही नरवा विकास योजना के तहत वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल-स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 137 नरवा का चयन कर 160.95 करोड़ रूपए की लागत से 31 वन मण्डल, एक राष्ट्रीय उद्यान, दो टाइगर रिजर्व, एक एलीफेंट रिजर्व, एक सामाजिक वानिकी क्षेत्र में कुल 12 लाख 56 हजार भू-जल संरचनाओं में से 10 लाख 77 हजार संरचनाएं निर्मित की जा चुकी है। इस प्रकार 86 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, इससे 3 लाख 12 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित हुई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा मद के वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत कार्यों में 209 करोड़ रूपए की राशि से बनने वाले भू-जल संरक्षण और संवर्धन से संबंधित संरचनाओं के निर्माण का शुभारंभ किया। इन कार्यों में कैम्पा मद से प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व, 2 नेशनल पार्क और 1 एलीफेंट रिजर्व के 151 नालों में नरवा विकास के कार्य किए जाएंगे। इनमें से इंद्रावती टाइगर रिजर्व के 58 नालों, गुरू घासीदास नेशनल पार्क के 42 नालों, अचानकमार टाइगर रिजर्व के 28 नालों, कांगेर वेली नेशनल पार्क के 11 नालों, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के 10 नालों और तमोरपिंगला एलीफेंट रिजर्व के 2 नालों में बनाई जाएंगी जल संवर्धन संरचनाएं निर्मित की जाएंगी। इन्हें मिलाकार 37 वन मण्डल के 1089 नालों में 12 लाख 64 हजार भू-जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे 4 लाख 28 हजार 827 हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी। कैम्पा मद के बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नाले में पानी का भराव रहने से आसपास की भूमि में नमी बनी रहेगी। इससे खेती-किसानी और आय के स्रोत में वृद्धि होगी।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 137 नरवा का चयन कर 160.95 करोड़ रूपए की लागत से 31 वन मण्डल, एक राष्ट्रीय उद्यान, दो टाइगर रिजर्व, एक एलीफेंट रिजर्व, एक सामाजिक वानिकी क्षेत्र में कुल 12 लाख 56 हजार भू-जल संरचनाओं में से 10 लाख 77 हजार संरचनाएं निर्मित की जा चुकी है। इस प्रकार 86 प्रतिशत कार्य पूर्ण किए गए। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में नरवा विकास योजना के तहत 209 करोड़ रूपए की लागत से 12 लाख 64 हजार भू-जल संवर्धन संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। कैम्पा मद के तहत वर्ष 2019-20 और 2020-21 में स्वीकृत कार्यों से लगभग 370 करोड़ रूपए की राशि से 25 लाख से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। इससे 313 जल ग्रहण क्षेत्र के एक हजार 995 नालों में स्टॉपडेम, चेकडेम, ग्लीप्लग, डाईक, लूज बोल्डर चेकडेम आदि संरचनाओं से 7 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित होगा।

नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2020-21 कैम्पा मद से स्वीकृत कार्यों के सबंध में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरिया वन मण्डल के 70 नालों को 15 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से उपचारित किया जाएगा। इसी प्रकार कवर्धा वनण्डल के 69 नालों को 14 करोड़ 34 लाख रूपए, सूरजपुर वन मण्डल के 61 नालों को 6 करोड़ 10 लाख रूपए, बलरामपुर वन मण्डल के 60 नालों को 10 करोड़ 31 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के 58 नालों को 7 करोड़ रूपए की लागत से, जीजीएसएनपी (सरगुजा) के 42 नालों को 4 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से, जशपुर वन मण्डल के 42 नालों को 7 करोड़ 37 लाख रूपए, इसी प्रकार महासमुन्द वन मण्डल में 42 नालों को 7 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से, बलौदाबाजार वन मण्डल के 47 नालों को 9 करोड़ 82 लाख रूपए, गरियाबंद वन मण्डल के 37 नालों का 5 करोड़ 40 लाख रूपए, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के 10 नालों को 1 करोड़ 76 लाख रूपए की राशि से उपचारित किया जाएगा।

नरवा विकास योजना के तहत धमतरी वन मण्डल के 13 नालों को 1 करोड़ 38 लाख रूपए, खैरागढ़ वन मण्डल के 16 नालों को 2 करोड़ 5 लाख रूपए, बालोद वन मण्डल के 17 नालों को 3 करोड़ 70 लाख रूपए, राजनांदगांव वन मण्डल के 29 नालों को 6 करोड़ 97 लाख रूपए, सरगुजा वन मण्डल के 29 नालों को 3 करोड़ 67 लाख रूपए, तमोरपिंगला रिजर्व के 2 नालों को 26 लाख रूपए, रायगढ़ वन मण्डल के 21 नालों को 3 करोड़ 23 लाख रूपए, धरमजयगढ़ वन मण्डल के 14 नालों को 4 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि से उपचारित किया जाएगा।

इसी तरह जांजगीर-चांपा के 2 नालों को 2 करोड़ 11 लाख रूपए, बिलासपुर वन मण्डल के 8 नालों को 1 करोड़ 90 लाख रूपए, अचानकमार टाइगर रिजर्व के 28 नालों को 8 करोड़ 77 लाख रूपए और मुंगेली वन मण्डल के 14 नालों को 7 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत से उपचारित किया जाएगा।

इस योजना में कोरबा वन मण्डल के 22 नालों को 6 करोड़ 50 लाख रूपए, कटघोरा वन मण्डल के 22 नालों को 3 करोड़ 39 लाख रूपए, बस्तर वन मण्डल के 6 नालों को 1 करोड़ 74 लाख रूपए, दंतेवाड़ा वन मण्डल के 14 नालों को 2 करोड़ 74 लाख रूपए, सुकमा वन मण्डल के 10 नालों को 2 करोड़ 50 लाख रूपए, बीजापुर वन मण्डल के 16 नालों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए, इंद्रावती टाइगर रिजर्व के 58 नालों को 8 करोड़ 35 लाख रूपए, कांगेर वेली नेशनल पार्क 11 नालों को 1 करोड़ 50 लाख रूपए, दक्षिण कोण्ड़ागांव के 28 नालों को 3 करोड़ 16 लाख रूपए, नारायणपुर वन मण्डल के 24 नालों को 10 करोड़ 72 लाख रूपए, भानुप्रतापपुर पूर्व वन मण्डल के 48 नालों को 9 करोड़ 38 लाख रूपए, पश्चित भानुप्रतापपुर वन मण्डल के 28 नालों को 5 करोड़ 49 लाख रूपए, केशकाल वन मण्डल के 22 नालों को 4 करोड़ 10 लाख रूपए, कांकेर वन मण्डल के 38 नालों को 7 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से उपचारित किया जाएगा।

धरसा विकास योजना के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं के अभिसरण के लिए समिति का गठन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 6 अक्टूबर को स्वामी आत्मानंद की जयंती पर प्रदेश में धरसा विकास योजना शुरू किए जाने की घोषणा पर राज्य शासन ने तत्काल अमल शुरू कर दिया है। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों की योजनाओं के अभिसरण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन विभागों के सचिवों की समिति गठित की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव तथा लोक निर्माण और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से सचिव को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। धरसा विकास योजना के तहत गांवों में खेत-खलिहानों तक पहुंचने के लिए धरसा के कच्चे रास्तों को पक्का बनाया जाएगा।

विभागीय सचिवों की तीन सदस्यीय समिति धरसा विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं, मनरेगा, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य विभागों की योजनाओं के अभिसरण के संबंध में एक सप्ताह के भीतर शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। समिति की पहली बैठक 9 अक्टूबर को होगी।

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