छत्तीसगढ़

भूपेश का बढ़ता कद, रायपुर में पहली बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन

Nilmani Pal
5 Dec 2022 6:21 AM GMT
भूपेश का बढ़ता कद, रायपुर में पहली बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन
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अतुल्य चौबे

2 से 4 फरवरी तक राजधानी में जुटेंगे देशभर के कांग्रेस नेता, 26 जनवरी से 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान

रायपुर/ नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ संगठन को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल, कांग्रेस का महाधिवेशन अगले साल 2 फरवरी से 4 फरवरी तक रायपुर में होगा। इस महाधिवेशन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खडग़े सहित देशभर से कांग्रेसी नेता शिकरत करेंगे। दिल्ली में रविवार को हुई कांग्रेस की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि अगले साल रायपुर में 2 फरवरी से 4 फरवरी तक कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन होगा। इस दौरान मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी। साथ ही अगले लोकसभा चुनाव से पहले नये विचारों पर चर्चा की जाएगी। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव भी 2023 में होने वाला है।

महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि, दूसरा यह कि, हमने भारत जोड़ो यात्रा के लिए भविष्य की कार्रवाई की समीक्षा की और चर्चा की। हमने 26 जनवरी से बड़े पैमाने पर 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियानÓ चलाने का फैसला किया है। यह दो महीने तक चलने वाला लंबा अभियान होगा। पार्टी की इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली में हैं। उन्होंने भी ट्वीट कर अधिवेशन होने की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया कि, मुझे बताते हुए खुशी है कि स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 85वां अधिवेशन रायपुर में फरवरी माह में होगा। यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण पल होगा। दिल्ली में बैठक से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और अन्य पार्टी नेताओं से भी मुलाकात की।

10 हजार से अधिक लोग होंगे शामिल : पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस अधिवेशन में पूरे देश से कांग्रेसी पहुंचेंगे। हर राज्य की कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता शामिल होंगे। इसके अलावा एआईसीसी के तमाम दिग्गज भी छत्तीसगढ़ पहुचेंगे। इसमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी भी शामिल हो सकती हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी जल्द ही इसकी तैयारियों को लेकर एक हाइ लेवल मीटिंग के बाद तरीखों का एलान करेगी। पिछली बार दिल्ली में आयोजित हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में 12 हजार के आस-पास लोग देशभर से पहुंचे थे। इस बार भी 10 हजार से अधिक कांग्रेस नेताओं के रायपुर पहुंचने की संभावना है।

बतौर अध्यक्ष पिछली बार शामिल हुए थे बघेल : साल 2018 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 84वां अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। मार्च के महीने में हुए उस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 261 पीसीसी डेलिगेट और 49 एआईसीसी डेलिगेट दिल्ली गए थे। तब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल थे।

संयोग है कि अब उन्हें और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को इस अधिवेशन की मेजबानी करने का मौका मिलेगा।

खडग़े ने कांग्रेस नेताओं से मांगा 15 से 30 दिन में संगठन व आंदोलन का खाका

गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के बाद अब राजनीतिक दलों ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी के तहत कांग्रेस की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक रविवार को दिल्ली में बुलाई गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। खरगे ने इस मौके पर कहा कि पार्टी में जहां अपने कर्तव्य को निभाने वाले जिम्मेदार लोग हैं, वहीं कुछ साथियों ने यह मान लिया है कि जिम्मेदारी निभाने में कमी को नजरंदाज कर दिया जाएगा। यह न तो ठीक है और न ही मंजूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग जिम्मेदारी निभाने में असक्षम हैं, उन्हें नए साथियों को मौका देना पड़ेगा। बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए। इसमें पार्टी के अधिवेशन सत्र की तारीख और जगह तय करने के साथ ही संगठन से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई। पिछले महीने ही पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की सबसे बड़ी संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की जगह पर इस संचालन समिति का गठन किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महासचिवों व प्रभारियों से पूछा आपके प्रदेश में, जिसके आप प्रभारी हैं, अगले 30 दिन से 90 दिन के बीच में संगठन व जनहित के मुद्दों पर आंदोलन के लिए क्या रूपरेखा है? जिन प्रांतों में आज से साल 2024 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां चुनाव तक क्या प्लानिंग व एक्टिविटी शेड्यूल है? उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब संगठन व आंदोलन का एक खाका तैयार कर अगले 15 से 30 दिनों में इस पर मिल-बैठकर मुझसे चर्चा करेंगे। कांग्रेस स्टीयरिंग कमिटी के सदस्यों व पार्टी के अन्य नेताओं को भी जरूरत के अनुसार आप इस कार्यक्रम में शामिल करेंगे। मल्लिकार्जुन खरग़े ने बैठक में कहा कि अगर कांग्रेस संगठन मजबूत होगा, जवाबदेह होगा, लोगों की उम्मीद पर खरा उतरेगा, तो ही हम चुनावी जीत हासिल कर देश के लोगों की सेवा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के महासचिवगण व प्रभारीगण से चाहूंगा कि वो सबसे पहले खुद की जिम्मेदारी तथा संगठन की जिम्मेदारी सुनिश्चित करें।

खडग़े अध्यक्ष के अलावा राज्यसभा में पार्टी के नेता रहेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि खडग़े न केवल पार्टी अध्यक्ष के रूप में, बल्कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी विपक्षी दलों के साथ जुड़ेंगे। ऐसे में अगर खडग़े दो पद संभालते हैं तो यह कांग्रेस की 'एक व्यक्ति, एक पद' पॉलिसी के उलट होगा।

दूसरी तरफ, राहुल गांधी संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं होंगे। यह फैसला दिल्ली में कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी ( ष्टस्ष्ट) की बैठक में लिया गया। बता दें कि इसी साल सितंबर में कांग्रेस अध्यक्ष के नॉमिनेशन के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी में 'एक व्यक्ति, एक पद' पॉलिसी को सख्ती से लागू करने की बात कही थी। तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लडऩे की तैयारी में थे, लेकिन वे मुख्यमंत्री पद नहीं छोडऩा चाहते थे। राहुल ने उस समय गहलोत को सलाह देते हुए कहा था- 'वन मैन-वन पोस्टÓ को लेकर वे आशा करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर उदयपुर में लिया गया संकल्प कायम रखा जाएगा।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता से दिया था इस्तीफा

खडग़े ने कांग्रेस प्रमुख के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह कम से कम 7 दिसंबर को शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए इस भूमिका में बने रह सकते हैं।

छत्तीसगढ़ को बड़ी जिम्मेदारी मिलना सौभाग्य की बात: भूपेश

राजधानी रायपुर में अगले साल फरवरी माह में कांग्रेस महाधिवेशन आयोजित करने के फैसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी प्रांतों में पहली बार छत्तीसगढ़ में अधिवेशन हो रहा है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। छत्तीसगढ़ को बड़ी जिम्मेदारी मिली है, अब हमें तैयारियों में जुटना पड़ेगा। कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में शामिल होने के बाद वापस रायपुर लौटने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के निर्वाचित होने के बाद पहली बैठक हुई, उसमें सोनिया गांधी और सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बैठक में दो एजेंडा थे, भारत जोड़ो यात्रा के अलावा महाधिवेशन के लिए स्थान और समय को लेकर चर्चा हुई। मैंने छत्तीसगढ़ के लिए प्रस्ताव दिया था। रायपुर में अधिवेशन आयोजित किए जाने पर सभी ने सहमति दी है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अच्छी मेहनत की है। स्वर्गीय मनोज मंडावी के उस क्षेत्र में किए गए काम और सरकार के चार साल के कामों को लेकर काम वोट मांग रहे थे। कल मतदान है। विश्वास है कि चार उपचुनाव की तरह इस चुनाव को भी हम जीतेंगे। भारत जोड़ो की तर्ज पर होने वाले हाथ जोड़ो अभियान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जोड़ो की तरह 'हाथ जोड़ोÓ का हर प्रदेश और ब्लॉक में आयोजन होगा। निश्चित ये भी सफल आयोजन होगा।

कांग्रेस के सर्वमान्य और विश्वसनीय नेता बने भूपेश : भूपेश बघेल अपने निर्विवाद और दबंग छबि से हाईकमान की नजर में विश्वसनीय होने के साथ सर्वमान्य नेता के तौर पर कांग्रेस नेताओं में स्वयं को स्थापित करने में कामयाब हुए हैं। विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाओं के दौरान मिले दायित्वों और अब नए अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खडग़े के निर्वाचन के बाद पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन का रायपुर में आयोजित होना इस बात को प्रमाणित कर रहा है। अनेक वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बीच राष्ट्रीय नेतृत्व का सीएम पर भरोसा जताना पार्टी के भीतर उनके बढ़ते कद को दिखाता है।

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