जसेरि रिपोर्टर: रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को एक लाख 12 हजार 603 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। आकार के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों पर फोकस है। स्थानीय विकास योजनाओं के साथ युवाओं के सपनों को पंख लगाने की योजनाएं शामिल की गई हैं। इस बजट से पुरानी पेंशन योजना भी बहाल हो गई है, लेकिन इसका फायदा ढ्ढ्रस्-ढ्ढक्कस् अफसरों को नहीं मिलेगा। बजट के बाद प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, राज्य कैडर के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू हो गई। इसका फायदा अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को नहीं मिलेगा। यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा और वन सेवा के अफसर पुरानी पेंशन नहीं पाएंगे। उनके लिए केंद्र सरकार को ऐसी ही व्यवस्था लागू करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, इस प्रदेश के अधिकांश लोग बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं। अगर प्रतियोगी परीक्षाओं में इन बच्चों से शुल्क न लिया जाए तो यह उनकी बड़ी मदद होगी। इसलिए छत्तीसगढ़ के मूल निवासी सभी बच्चों से परीक्षा शुल्क नहीं लेने का फैसला लिया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा, अभी एक लाख 73 हजार पद रिक्त हैं। इस बजट में भी नए पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है। मांग और व्यवस्था के आधार पर भर्तियां लगातार जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उनकी सरकार 13 हजार प्रति साल की दर से नौकरी दे रही है। पूर्ववर्ती सरकार में इसकी औसत दर केवल 5 हजार पद सालाना की थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उम्मीद जताई कि, यह बजट ग्राम केंद्रित अर्थव्यवस्था को अधिक ताकत देगा।