![भूपेश ही होंगे सीएम का चेहरा: सिंहदेव भूपेश ही होंगे सीएम का चेहरा: सिंहदेव](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/05/12/2874678-page-11-copy.webp)
भ्रष्टाचार बन गया शिष्टाचार
राजनांदगांव (जसेरि)। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपने एक दिवसीय प्रवास पर राजनांदगांव के दौरे पर थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहां की भ्रष्टाचार शिष्टाचार होते जा रही है। शहर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए स्वास्थ्य मंत्री ने यह बयान राजनांदगांव में दिया।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव राजनांदगांव में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।जहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा भूपेश बघेल ही होंगे साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा या तो पीसीसी अध्यक्ष होते हैं या जो वर्तमान में मुख्यमंत्री होते हैं। इसके मद्देनजर वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं और वह कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल कि खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने अपना गले का चैन उतारकर आरटीओ ऑफिस में दे दिया था और भ्रष्टाचार की बात कही थी जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार अब धीरे-धीरे शिष्टाचार हो रहा है। और हम जिस समाज में रहते हैं उस समाज में अभी है बड़ी बात नहीं रह गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के विभिन्न मुद्दों पर भी सवालों के जवाब दिए।चुनाव नहीं लडऩे के सवाल पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि- मैंने यह नहीं कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा, मैंने कहा था कि चुनाव लडऩे का इस बार मेरा मन नहीं है। तीन बार सभी के सहयोग से चुनाव लडऩे का मुझे मौका मिला और सफल रहा।तीनों बार काम करने का जो मन था, वह इस बार नहीं है। जब मैं कह दूंगा कि चुनाव नहीं लडूंगा तो फिर मैं नहीं लडूंगा।
प्रदेश प्रभारी से शिकायत, स्थानीय नेता ही नहीं करने देते काम
छत्तीसगढ़ में इन दिनों कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मोड में है। पार्टी में मैराथन बैठकों का दौर चल रहा है। दो दिनों से कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा बैठकें ले रही हैं और इन बैठकों में कई मुद्दों को लेकर चर्चा और शिकायतें भी हो रही है। मंत्रियों से वन टू वन चर्चा के बाद जब महापौरों की बारी आयी, तब कई शहरों के मेयर ने अपनी ही पार्टी के नेताओं की शिकायत प्रदेश प्रभारी से की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के ही कई स्थानीय नेता ही उन्हें काम करने नहीं दे रहे हैं। ऐसी शिकायतें करने वालों में महिला महापौरों की संख्या ज्यादा रही।
सूत्रों के मुताबिक राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख, जगदलपुर की महापौर सफीरा साहू और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर की महापौर कंचन जायसवाल समेत अन्य महापौरों ने भी बैठक के दौरान कुमारी सैलजा से ये शिकायत की है कि उन्हें काम में दिक्कतें अपनी ही पार्टी के नेताओं की वजह से हो रही है।
उनकी इस शिकायत के बाद कुमारी सैलजा ने व्यक्तिगत तौर पर इसकी जानकारी महापौरों से मांगी है कि उन्हें दिक्कतें किस तरह की आ रही है और ऐसा करने वाले कौन लोग हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि महापौरों में किसी भी तरह की नाराजगी नजर नहीं आई हालांकि शिकायतों को लेकर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत शिकायतें मिली है, जिसका वहीं समाधान किया गया है।
विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए दिए गए टास्क
बैठक के बाद रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि सभी महापौरों को साल 2023 और 24 के लिए टास्क दिया गया है। चुनावी तैयारियों में अभी से सभी को जुटने कहा गया है। साथ ही ऐसे शहर जहां पार्षदों से महापौर की ट्यूनिंग बेहतर नहीं है, वहां कॉर्डिनेशन बनाने को कहा गया है। ढेबर ने कहा कि 2023 के लिए एक्सरसाइज शुरू हो गई है। कल से ही सभी महापौर और सभापति दिए गए टास्क को पूरा करते दिखाई देंगे। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान शहरी मतदाताओं के लिए भी योजनाएं घोषणा पत्र में लाने का सुझाव आज की बैठक में दिया गया है।