छत्तीसगढ़

हिमाचल में सरकार बनाने में भूपेश की अहम भूमिका

Nilmani Pal
13 Dec 2022 6:12 AM GMT
हिमाचल में सरकार बनाने में भूपेश की अहम भूमिका
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सर्वप्रथम जनता से रिश्ता ने छत्तीसगढ़ मॉडल द्वारा हिमाचल में परचम लहराने का समाचार प्रकाशित किया था

हिमाचल में चल गया छत्तीसगढ़ मॉडल भाजपाई भी कर रहे स्वीकार

राजनीतिक संवाददाता

रायपुर। छत्तीसगढ़ मॉडल का पूरे देश में डंका बज रहा हैै। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्री भूपेश सरकार की योजनाओं की खुले मंच से सराहना कर चुके है। हिमाचल में अधिसूचना जारी होने के साथ जब भूपेश बघेल को स्टार प्रचारक बनाया समय जनता से रिश्ता ने सबसे पहले लिखा था कि अब हिमाचल में भी छत्तीसगढ़ की तरह कांग्रेस जीत हासिल करेगी। हिमाचल के घोषणा समिति की बैठक में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की योजनाओं की शामिल करने में अहम भूमिका निभाई। छग के किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना, गौठान, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के साथ गोबर खरीदी योजना और पुरानी पेंशन योजना को हिमाचल की जनता ने हाथों हाथ उठाया और देश की राजनीतिक पटल पर छत्तीसगढ़ की योजनाओं ने जनता का विश्वास हासिल करने में कामयाबी हासिल की।

देश के वर्तमान राजनीतिक पटल पर दो ही शख्स चर्चाओं में छाए हुए है। एक पीएम नरेंद्र मोदी दूसरे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। जिसने हिमाचल प्रदेश में अपनी राजनीति कामयाबी का लोहा मनवा दिया है। छत्तीसगढ़ को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कामकाज के प्रदेश को विपक्षविहीन कर दिया है। औरइसी का अनुसरण करते हुए हिमाचल में कांग्रेस को बंपर जीत दिला कर छत्तीसगढ़ मॉडल को देश व्यापी बना दिया। 90 में से 71 सीटों पर काबिज कांग्रेस भूपेश के भरोसे ही सत्ता पर पहुंची है। पिछले चार सालों से नरवा-गरवा-घुरूवा-बाड़ी के साथ गोबर-गौ-मूत्र खरीदी के साथ पिछले चार माह से भेंट-मुलाकात कर जनता का भरोसा जीत कर सबसे करीब पहुंच चुके है। भूपेश की योजनाओं का पीएम नरेंद्र मोदी सहित यदाकदा छत्तीसगढ़ आने वाले केंद्रीय मंत्रियों के साथ हाल ही में आरएसएस के कार्यकारिणी सदस्य राममाधव ने सीएम भूपेश के राम वनगमन पथ को सारे देश में एक नई पहचान देने के लिए दिल से तारीफ की और बधाई देते हुए नहीं थकेे। भूपेश बघेल की जीवटता के आगे भाजपा को बड़े दिग्गज नेता नहीं टिक पाए। भाजपा के रणनीतिकार भूपेश को लाख घेरने की कोशिश करते रहे, जय-वीरू को लड़ाने की कोशिश करते रहे लेकिन भाजपाईयों की मंशा पूरी नहीं हो सकी। चार साल तक भाजपाई भूपेश को घेरने की सिर्फ सोचते रहे लेकिन कुछ नहीं कर पाए। प्रदेश में अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के आने के बाद उन्होंने अपनी पहली प्रदेश यात्रा में कार्यकर्ताओं को आक्रमकता के साथ सरकार के भ्रष्टाचार खिलाफ खड़े होने का मंत्र दिया वह भूूपेश के मंत्र के आगे नतमस्तक हो गई। कार्यकर्ताओं में जोश तो दिखा पर उसका असर वोट पर नहीं दिखा। भूपेश की रणनीति ने भाजपा के दिग्गजों को चक्रब्यूह में ऐसे घेरा की वो उससे निकल ही नहीं पा रहे है।

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