रायपुर raipur news। भाजपा सांसद संतोष पांडेय के आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल Bhupesh Baghel ने पलटवार किया है. भूपेश बघेल ने कहा, राजनांदगांव के सांसद ने मुझ पर लोकसभा के अंदर गंभीर आरोप लगाए हैं. मैं तो अब मुख्यमंत्री नहीं हूं और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है तो अब यह “महादेव सट्टा एप” क्यों चल रहा है?
chhattisgarh news पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, जो सदस्य सदन का सदस्य नहीं है, उस पर निराधार आरोप लगाने पर लोकसभा के स्पीकर को पत्र लिखूंगा. साथ ही बघेल ने इस विषय पर कानूनी सलाह लेकर ऐसे सुनियोजित दुष्प्रचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. chhattisgarh
दरअसल भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद आरोप लगाया था कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को सदन में अपने भाषण के दौरान बार-बार भगवान शिव की तस्वीर दिखा रहे थे, उनको बताना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, जो कांग्रेस के नेता हैं, ‘‘महादेव के नाम पर सट्टा चला रहे थे’’. इसके चलते भगवान शंकर का नाम व छत्तीसगढ़ बदनाम हुआ है. इस पर राहुल गांधी जवाब दें.
भूपेश बघेल के खिलाफ EOW में दर्ज है FIR
बता दें कि महादेव सट्टा ऐप केस में EOW (आर्थिक अनुसंधान शाखा) ने ED की शिकायत पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 आरोपियों पर FIR दर्ज की है। इसमें ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत कई अज्ञात पुलिस अफसर और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं। ED का आरोप है कि महादेव बुक के ऑपरेटरों के जरिए हवाला से पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं तक प्रोटेक्शन मनी पहुंचाई जाती थी। इन अफसरों और नेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रमोटर्स से आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की। ED ने कई अचल संपत्तियों को प्रोविजनल अटैच किया है।
इन धाराओं के तहत अपराध दर्ज
EOW में इन सभी आरोपियों पर 4 मार्च को आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी में धारा 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468 471 धारा 7, 11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम 2018 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
“विष्णु देव साय सट्टा एप्प”❓
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 2, 2024
राजनांदगांव के सांसद ने मुझ पर लोकसभा के अंदर गंभीर आरोप लगाए हैं.
जो सदस्य सदन का सदस्य नहीं है, उस पर निराधार आरोप लगाने के लिए मैं लोकसभा के स्पीकर महोदय को पत्र लिख रहा हूँ.
साथ ही इस विषय पर कानूनी सलाह लेकर ऐसे सुनियोजित दुष्प्रचार के खिलाफ… pic.twitter.com/oeo0XpcChm