छत्तीसगढ़

नामांकन भरने से पहले बुरी तरह फंसे भूपेश बघेल

Nilmani Pal
17 March 2024 10:55 AM GMT
नामांकन भरने से पहले बुरी तरह फंसे भूपेश बघेल
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रायपुर। महादेव सट्टा मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू ने IPC के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश विश्वासघात और जालसाजी सहित कुल 7 धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से टिकट दिया है। ऐसे में अब एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी के रूख पर सबकी नजरें टिकी हुई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि एफआईआर के बाद ईडी उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोक सकती है। यदि ईडी उन्हें ऐसा करने से रोकती है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।

निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक प्रत्याशी उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर या आरोप दर्ज होने की जानकारी सार्वजनिक करनी होती है। प्रत्याशी को यह बताना होता है कि उनके किस मामले में अपराध दर्ज है। साथ ही पार्टी को भी यह सूचित करना होता है कि दागी होने के बाद भी टिकट क्यों दी गई। इलेक्शन कमिशन ने इसके लिए एक प्रारूप भी तैयार किया है।

मिली जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के खिलाफ प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 508 करोड़ रुपए लेने के आरोप में ईओडब्लू और एसीबी विंग ने एफआईआर दर्ज की गई है। भूपेश बघेल पर आरोप है कि उन्होंने महादेव बैटिंग ऐप के मालिक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर को प्रोटेक्शन देने के नाम पर 508 करोड़ रुपए लिए हैं। हालांकि ये मामला विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने खंडन किया था। साथ ही ये भी कहा था कि अगर भूपेश बघेल पर आरोप लग सकते हैं तो भाजपा नेताओं पर भी आरोप लगाए जा सकते हैं। किसी के आरोप के आधार पर केस दर्ज नहीं किया जा सकता है।


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