या तो अमेरिकन एजेंसी के तथ्य गलत हैं, अनेक ऐसे कारण हैं, जिससे यह कह सकते हैं कि उसके तथ्य गलत हैं। हिंदनवर्ग से लेकर बाईडेन तक के मामले पर आप ध्यान दें तो यह कह सकते हैं कि स्टेट्स के कार्यवाहक राष्ट्रपति बदले की भावना से काम कर रहे हैं। वे काफी जल्दबाजी में हैं और अमेरिका को निपटाने की कसम जैसा खा चुके हैं। लेकिन …
लेकिन अगर अमेरिकन एजेंसी के तथ्यों में दम है, तो निस्संदेह भूपेश बघेल समेत तब की अनेक कांग्रेस शासित और गैर भाजपा शासित राज्यों ने जम कर रिश्वत लिए हैं। केंद्रीय कांग्रेस के एटीएम में इस रिश्वत के पैसे भी भरे गये हैं। अभी तो तेलंगाना के सीएम ने खुले तौर पर अदानी से सौ करोड़ लिए हैं। क्या यह छत्तीसगढ़ का ही बकाया किश्त तो नहीं रहा होगा ‘जनपथ’ का? जवाब देना चाहिये कांग्रेस को।बार-बार झूठ बोलने के लिये कांग्रेस को और क्या सजा दी जाय, जनता को समझना होगा।