भानुप्रतापपुर उपचुनाव: बीजेपी ने पांच प्रत्याशियों का पैनल बनाया
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में शनिवार की शाम हुई अहम बैठक में भानुप्रतापपुर उपचुनाव के प्रत्याशियों का पैनल फाइनल कर लिया गया। बैठक में आरक्षण का मुद्दा भी चर्चा में रहा है। कांग्रेस को आरक्षण कटौती का जिम्मेदार बताते हुए ही इस चुनाव में भाजपा लोगों के बीच जाएगी। इस बैठक में राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिव प्रकाश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव , भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह , महामंत्री संगठन पवन साय, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल , बृजमोहन अग्रवाल , सरोज पांडे, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, ओपी चौधरी, विजय शर्मा उपस्थित थे।
बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए टीम बनाई गई थी। वहां जाकर नेताओं ने स्थानीय कार्यकर्ताओं से बात की। अन्य लोगों से भी हमारे वरिष्ठ नेता मिले। इस पूरी मुलाकात के दौरान 17 नाम बतौर विधानसभा प्रत्याशी के तौर पर सामने आए हैं। बैठक में विचार के बाद 5 नामों के शॉर्ट लिस्ट करके केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया है। केंद्रीय समिति ही नामों पर अंतिम फैसला करेगी और नामों का एलान होगा। सूत्रों के मुताबिक जो 5 नाम भाजपा की ओर से भेजे गए हैं उनमें परमानंद तेता, रामबाई गोटे, देवलाल गुग्गा, गंभीर सिंह ठाकुर, ब्रम्हानंद नेताम शामिल हैं। बैठक में नेताओं ने मुद्दों पर भी बात की और चुनाव कैसे लड़ा जाएगा इस पर भी चर्चा हुई। इसमें तय किया गया कि इस आदिवासी सीट पर आरक्षण के मुद्दे को ही सबसे मजबूती से उठाना चाहिए। इसके साथ ही प्रचार पर भी रणनीति बनाई गई।
इस बार के चुनावों में सबसे तेज एक नाम उभरकर आया है वो है परमानंद तेता का। तेता भानुप्रतापपुर की राजनीति में पिछले कुछ सालों से सक्रिय हैं। पेशे से इंजीनियर तेता हृरूष्ठष्ट में मकैनिकल मैनेजर रह चुके हैं। पहले इसी इलाके से विधायक रह चुके ब्रम्हानंद नेताम और देवलाल दुग्गा भी चर्चा में हैं।
भानुप्रतापपुर सीट पिछले महीने कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन से खाली हुई है। भारत निर्वाचन आयोग ने एक हफ्ते पहले इस चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया था। यह चुनाव गुजरात चुनाव के साथ ही कराया जाएगा। इसका परिणाम भी गुजरात-हिमाचल के परिणामों के साथ आएगा।
कांग्रेस 15 तारीख तक कर सकती है प्रत्याशी की घोषणा
राजीव भवन में ??भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस की बैठक में 14 दावेदारों के नामों पर चर्चा हुई थी। 15 नवंबर तक प्रत्याशी के नाम घोषित होने की संभावना है। 16-17 नवंबर को नामांकन हो सकते हैं। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, सह प्रभारी सत्पगिरी शंकर उलका, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित प्रमुख नेता शामिल हुए थे । प्रत्याशी की अधिकृत घोषणा हाईकमान से अनुमोदन के बाद केंद्रीय चुनाव समिति को करना है।
भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की घोषणा कर सकती है कांग्रेस
विधानसभा उपचुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग के अनुसार भानुप्रतापपुर सीट पर 5 नवंबर को उपचुनाव होना है। उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच जनता भी उम्मीद लगाए बैठी है कि सरकार इस उपचुनाव में उनकी मांगों को पूरा कर सकती है। अब देखना होगा कि इस उपचुनाव में भानुप्रतापपुर वालों की मांगें पूरी होगी या नहीं? अविभाजित बस्तर जिले में 80 के दशक में मात्र 8 तहसीलें थी, जिसमें कांकेर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंटा तथा बीजापुर थी। एक-एक करके इसमें से 7 तहसीलों को जिला का दर्जा मिल चुका है, लेकिन भानुप्रतापपुर को अब तक जिला नहीं बनाया गया है। उस समय के तहसीलों में केवल भानुप्रतापपुर ही जिला बनने से बाट जोह रहा है। इसके लिए क्षेत्र के लोग लगातार जिला बनाने की मांग करते आ रहे हैं। वहीं राज्य सरकार के द्वारा पिछले 2 उपचुनाव में जिला बनाने की घोषणा को अमल करते हुए मारवाही व खैरागढ़ को जिला बना दिया है। अब भानुप्रतापपुर में भी उपचुनाव है, जिससे क्षेत्र के लोग में काफी उम्मीद है कि भानुप्रतापपुर को भी अब जिला बनाया जाए और यह स्वर्गीय मनोज सिंह मंडावी का भी सपना था और लगातार सीएम भूपेश बघेल को इसके लिए अपनी मांग रख चुके थे।