छत्तीसगढ़

थोड़ी देर में भैरवनाथ जी का होगा महाभिषेक

Nilmani Pal
21 Aug 2022 7:55 AM GMT
थोड़ी देर में भैरवनाथ जी का होगा महाभिषेक
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राजनांदगांव। राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी योगमाया माँ जीण भवानी की प्रेरणा और आशीर्वाद से आगामी 21 अगस्त, दिन - रविवार को, समय - दोपहर 02:00 बजे, स्थानीय माँ जीण भवानी यज्ञ भूमि मंदिर, राजीव नगर बसंतपुर में, भैरवनाथ जी महाराज का सवामन सरसों के तेल से महाअभिषेक किया जाएगा। माता जी के समस्त लाडलों से अपने अपने परिवार की सुख समृद्धि तथा बाबा की विशेष कृपा प्राप्त करने इस महाभिषेक में सपरिवार सम्मिलित होकर महाप्रसादी ग्रहण करने की अपील श्री कृष्ण शुभम महाराज और भैरव मित्र मंडल ने की है।

उक्ताशय की जानकारी देते हुए श्री कृष्ण शुभम महाराज ने बताया कि, राजीव नगर बसंतपुर स्थित राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी योगमाता जीण जयंती श्री जीण माता यज्ञ भूमि स्थल पर श्री जीण माता के प्रताप से, महामृत्युंजय मंत्र, कुंजिका स्त्रोत जैसे बीज मंत्रों के माध्यम से अखण्ड यज्ञ और अनुष्ठान किया जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि, श्री जीण माता यज्ञ भूमि स्थल में विगत 22 दिसंबर योग पूर्णिमा से अनवरत रूप से प्रतिदिन कुँजिका स्त्रोत का पाठ और महामृत्युंजय मँत्र का जाप और हवन किया जा रहा था। 108 कुँजिका स्त्रोत और महामृत्युंजय जाप के पूर्ण हो जाने के बाद श्री जीण माता यज्ञ भूमि स्थल में मँदिर निर्माण करने भूमि पूजन किया गया। इसी तारतम्य में माता जी की स्थापना के पहले, भैरव जी की भी स्थापना की जा चुकी है। क्षेत्रविशेष में निवासरत जनसमुदाय में धार्मिक भावना विकसित करने और बालको को सँस्कारवान बनाने सेवा प्रकल्प का गठन कर उन्हे भैरव स्वरूप में मंत्रोपचार के माध्यम से भारतीय संस्कृति के अनुरूप वैदिक ज्ञान भी बड़े महाराज पंडित श्री शिव कुमार शर्मा के द्वारा दी जा रही है। ये सभी भैरव समय-समय पर धार्मिक गतिविधियों का आयोजन कर उन्हें बढ़ावा देने का कार्य करेंगें। वहीं संस्कृत विषय में प्रारंभिक स्तर पर ही बालकों को मेधावी और निपुर्ण बनाने संस्कृत पाठशाला की स्थापना की भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जहाँ पर संस्कृत विषय के अध्ययन और अध्यापन की व्यवस्था रहेगी। उक्त पाठशाला में संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वानों द्वारा शिक्षा और दीक्षा प्रदान की जायेगी।

श्री जीण माता यज्ञ भूमि स्थल में माघ शुक्ल पक्ष की गुप्त नवरात्र पर माता के प्रताप से सर्वप्रथम अखण्ड जोत जलाई गई थी। पेंड्रा रोड़ स्थित गोरखनाथ आश्रम में अध्ययनरत बटुको के द्वारा नौ दिनों तक नित्य हवन और पाठ भी किया गया था। इसी क्रम को जीण माता मंदिर में दीक्षित बटुक रूपी भैरव इस परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। शारदेय नवरात्र, चैत्र नवरात्र और दोनों ही गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष पंचमी श्रृंगार, अष्टमी हवन और उसके पश्चात नवमी के दिन भण्डारे का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। स्वामी परमात्मानंद गिरी जी का आगमन भी इस पावन भूमि में हो चुका है। स्वामी जी के अमृत वचनों का भी श्रोताओं ने जमकर रसपान किया था। समय - समय पर पूजा, अर्चना, अनुष्ठान, जगराता आयोजित होता रहता है। वहीं उक्त क्षेत्र की जरूरतमंद महिलाओं को साड़ियों और चरण पादुका जैसी आश्यक सामग्रियों का वितरण भी किया जाता रहा है।

श्री जीण माता यज्ञ भूमि स्थल में विगत 22 दिसंबर 2018 से योग पूर्णिमा के दिन से अनवरत रूप से प्रतिदिन कुँजिका स्त्रोत और महामृत्युंजय मँत्र का नियमित पाठ और हवन किया जा रहा है। दिनांक 05 मई 2019 को 108 कुँजिका स्त्रोत और महामृत्युंजय जाप के पूर्ण हो जाने के बाद माँ जीण भवानी मंदिर का भूमिपूजन भी किया जा चुका है। मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद से ही एक के बाद एक लगातार यज्ञ और अनुष्ठानों की अनवरत श्रृंखला जारी है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भैरव-भैरवी अनुष्ठान का भी आयोजन किया गया था। महाशिवरात्रि पर्व और दीपावली की कालरात्रि पर जीण माता मन्दिर यज्ञ भूमि में रात्रि में चार प्रहर का भैरव भैरवी अनुष्ठान हवन आरती और मां जीण माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिव्य अलौकिक शक्ति अनुष्ठान में में शामिल होना अपने आप में परम सौभाग्य की बात होती है। माता जी के प्रताप से कई चमत्कार भी देखने को मिले हैं। इसी क्रम में नारायण गढ़ चिचोला के रहने वाले टोमिन बाई साहू का पुत्र अतुल साहू जो की बाल्यकाल से ही चलने में असमर्थ था, बालक का उपचार बसंतपुर स्थित जिला चकित्सालय में चल रहा था, डॉक्टर्स को भी बीमारी क्या है पता नहीं चल पा रही थी। उन्हे किसी ने जीण भवानी मंदिर आने की सलाह दी, माता जी की अखंड धूनी और प्रताप से आज बालक सिर्फ अच्छे से चल ही नहीं रहा दौड़ने भी लगा है।

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