छत्तीसगढ़
धमतरी-वनांचल के गांवों में हो रहा जल संरक्षण का लेकर बेहतर कार्य
Shantanu Roy
31 Aug 2022 6:24 PM GMT
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छग
धमतरी। वनांचल के गांवों में जल संरक्षण का लेकर लगातार बेहतर कार्य हो रहे हैं। इससे जल का संरक्षण हो रहा है। वनांचल के गांव बनबगौद, बासीखई चेकडैम, डोकाल सहित अन्य गांवाें चैकडेम से वर्षा जल को संरक्षित करने का प्रयास हो रहा है, इसका बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहा है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव नीलेश कुमार शाह ने जिले के गांवों का निरीक्षण कर इन कार्यों की सराहना की। नीलेश कुमार शाह जल संरक्षण संवर्द्धन एवं संचयन का काम देखने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न ग्रामों का दौरा कर स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर पीएस एल्मा के साथ नगरी विकासखण्ड के ग्राम बनबगौद, बासीखई में चेक डैम तथा ग्राम डोकाल में अमृत सरोवर के तहत संरक्षित किए गए तालाब का अवलोकन किया। साथ ही डोकाल के वन विभाग के विश्राम गृह में तैयार की जा रही नर्सरी का अवलोकन किया, तदुपरांत बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव मुरूमसिल्ली जलाशय में ब्रिटिशकालीन सायफन तकनीक से तैयार किए गए बांध से रूबरू हुए।
संयुक्त सचिव शाह ने 30 अगस्त को गंगरेल रेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक लेने के उपरांत नगरी विकासखंड के ग्राम बनबगौद (कुकरेल) पहुंचे, जहां वर्ष 2020-21 में तैयार किए गए चेक डैम का अवलोकन एवं निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय सरपंच मिनेश कुमार ध्रुव ने बताया कि उक्त चेक डैम के बन जाने से आसपास के क्षेत्र में जलस्तर में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले पानी के लिए 200 फीट से अधिक गहरा बोर उत्खनन कराना पड़ता था, अब इसके निर्माण के बाद सिर्फ 80-100 फीट की गहराई में पानी निकल आता है। इसके उपरांत अधिकारियों का दल ग्राम बासीखई के समीप नवनिर्मित मिनी चेकडैम का अवलोकन कर इसके फायदे के बारे में पूछा। बताया गया कि पहले अक्टूबर-नवंबर माह में फसल पकने के लिए पानी की काफी किल्लत होती थी, जबकि अब इसके बन जाने से खेतों की मिट्टी में नमी बनी रहती है और किसानों को पानी के लिए परेशानी नहीं होती। संयुक्त सचिव एवं कलेक्टर ने ग्राम डोकाल में अमृत सरोवर योजना के तहत किए गए तालाब गहरीकरण का काम देखा तथा उन्होंने तालाब किनारे पौधरोपण भी किया।
जलभराव के दबाव से गेट आटोमेटिक खुलते व बंद होते हैं मुरूमसिल्ली बांध के गेट
ब्रिटिशकालीन बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव (मुरूमसिल्ली) बांध का अवलोकन किया। इस दौरान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया गया कि यह सायफन पद्धति से निर्मित एशिया का पहला जलाशय है जहां विशेष तकनीक से जलभराव के दबाव से गेट आटोमेटिक खुलते व बंद होते हैं। शाह ने अन्य तकनीकी बारीकियों से रूबरू हुए। इस अवसर पर प्रशिक्षु डीएफओ ग्रीष्मी चांद, राज्य तकनीकी सलाहकार प्रियंका सोनवर्षा, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एके पालड़िया, डीआईओ उपेन्द्र चंदेल सहित अधिकारीगण मौजूद रहे।
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