छत्तीसगढ़

वाटरशेड के माध्यम से गांवों और ग्रामीणों की स्थिति में ला सकते हैं बेहतर बदलाव : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Admin2
7 Aug 2021 12:10 PM GMT
वाटरशेड के माध्यम से गांवों और ग्रामीणों की स्थिति में ला सकते हैं बेहतर बदलाव : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम हाई इम्पेक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना की वेबसाइट का शुभारंभ एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं सीमान्त कृषकों की आजीविका को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शासन बीआरएलएफ, एक्सिस बैंक फाउडेशन एवं फोर्ड फाउंडेशन को संयुक्त रूप से बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वाटरशेड परियोजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके माध्यम से हम गांव और ग्रामीणों की स्थिति में बेहतर बदलाव ला सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में यह मेगा वॉटरशेड परियोजना छत्तीसगढ़ शासन बीआरएलएफ, एक्सिस बैंक फाउडेशन एवं फोर्ड फाउंडेशन की साझेदारी में 12 जिलों के 26 विकासखंडों में 13 स्वयं सेवी संस्थानों द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। छत्तीसगढ़ में हाई इम्पेक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना की शुरूआत, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग छत्तीसगढ़ की परिकल्पना एवं बीआरएलएफ एवं एक्सिस बैंक फाउंडेशन की साझेदारी से फरवरी 2019 में की गई थी।

इसका मुख्य उद्देश्य जलग्रहण प्रबंधन के माध्यम से एक लाख लघु एवं सीमान्त किसान परिवारों की आय को बढ़ाना है। इस योजना में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं सामुदायिक संगठनों के माध्यम से महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत बनाई जा रही संरचनाओं को ज्यादा प्रभावी एवं आजीविका के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है। इस योजना के द्वारा लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिट्टी कटाव को रोकना, वर्षा के सतही जल प्रवाह को 50 प्रतिशत तक रोकना एवं कम से कम 50 प्रतिशत क्षेत्र (3.50 लाख हेक्टेयर) की फसल उत्पादकता को 150 प्रतिशत से 200 प्रतिशत तक की वृद्धि करने का लक्ष्य है।

हाइ इम्पेक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना के तहत रिज टू वेली सिद्धांत के तहत जलग्रहण प्रबंधन हेतु मनरेगा के फील्ड स्टाफ की क्षमताओं को विकसित किया जा रहा है। योजना के प्रत्येक चरण में महिलाओं एवं पिछड़े वर्ग के ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदान (PRADAN) मुख्य सहयोगी संस्था की भूमिका में राज्य स्तरीय प्रबंधन इकाई ( SPMU ) के माध्यम से सहभागी संस्थाओं को तकनीकी सहयोग कर रहा है।

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