छत्तीसगढ़

महिला मेट बन लोगों की जिंदगी में ला रही परिवर्तन

jantaserishta.com
9 March 2022 11:40 AM GMT
महिला मेट बन लोगों की जिंदगी में ला रही परिवर्तन
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कोण्डागांव: जीवन में हम छोटी-छोटी कठिनाइयों के आगे हार मान कर उदास हो जाते हैं जीवन में इन कठिनाइयों के सामने डटे रहना ही आप की हिम्मत और साहस का परिचय बन जाती है। ऐसी ही हिम्मत और साहस का परिचय देने वाली नारी सशक्तिकरण का एक उदाहरण देखने को मिलता है जनपद पंचायत फरसगांव से महज 03 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम पंचायत गट्टीपलना में अनसिया मरकाम के रुप में तीन वर्ष पूर्व लम्बे समय से खराब स्वास्थ्य के चलते अचानक उनके पति का देहांत हो गया। ऐसे में अनसिया के उपर उनके 01 वर्ष 08 माह के बेटे के लालन-पालन की पूरी जिम्मेदारी आ गयी थी। उनके पास कोई भी पैतृक सम्पत्ति भी नहीं थी। ऐसे में वे जिस बिहान समूह दो वर्षों से जुड़ी थीं उससे लोन लेकर उन्होंने एक किराने का दुकान अपने ही घर में खोलने का निर्णय लिया। लेकिन वहां भी उन्हें असफलता ही मिली फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।

इसके पश्चात् उन्होंने बिहान योजना में रह कर समूहों के पंजी संधारण का काम प्रारंभ किया। ताकि वे अपने परिवार का लालन-पालन कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने ग्राम संगठन में लेखापाल का कार्य भी नई दिशा महिला संगठन में करने लगी। छह माह पूर्व 2021 में जिला प्रशासन के द्वारा सभी विकासखण्ड मुख्यालय में समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय हेतु स्थापित किये जा रहे कोंडानार मार्ट फरसगांव में भी उन्होंने अंशकालीक रूप से लेखापाल के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
वर्तमान में सरकार के द्वारा मनरेगा योजना में महिलाआंे के आर्थिक स्थिति सुधार हेतु महिला मेट के चयन के संबंध में रोजगार सहायक सनत नेताम के द्वारा जानकारी पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने गांव में ही नवंबर माह से महिला मेट के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया। समूह में सक्रिय सदस्य होने का उन्हें लाभ मिला। जिससे वे ग्राम की अधिक से अधिक महिलाओं को योजना से जोड़ सकीं साथ ही उन्हें पास के ही ग्राम के बीसी सखी करूणा पाण्डे का भी साथ मिला। जिससे मजदूरों की दैनिक मजदूरी का भुगतान गांव में ही करवाना चालु किया। जिससे मजदूरों में मनरेगा कार्यों के प्रति भरोसे में वृद्धि हुई। ग्राम के मजदूर भी कार्य हेतु प्रेरित हुए जिससे गांव के निर्माण कार्यों को प्रगति मिली।
गांव की महिलाओं को भी इससे प्रेरणा मिली और जहां कभी महिलाओं की मनरेगा कार्यों में सहभागिता बहुत कम हुआ करती थी, वहीं आज यह प्रतिशत 61.86 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जिसमें अनसिया का महत्वपूर्ण योगदान है। इस संबंध में ग्राम की सरपंच अनिता मरकाम एवं सचिव माधुरी नेताम ने बताया कि अनसिया अपने काम को बहुत ही पसंद करती हैं साथ ही मनरेगा योजना मोबाइल मॉनिटरिंग, जॉब कार्ड संधारण, डिमांड बनाना, सात पंजी संधारण एवं मजदूरी भुगतान करने के काम से लोगों के बीच अपने काम की पारदर्शिता के कारण अपनी अलग पहचान ली है। अनसिया उन तमाम लोगों के लिए एक बेहतर उदाहरण है जो जीवन में मायूस हो जाते हैं अनसिया मरकाम ने शासन की दो महत्वपूर्ण योजना बिहान और मनरेगा में कड़ी मेहनत के माध्यम से कार्य करने और समर्पण के द्वारा कठिनाईयों को मात देकर गांव के विकास में अपने योगदान से सभी के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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