गलियों में भालुओं का डेरा, रेंजर बोले - घर के बाहर ना डाले भोजन
कांकेर। कांकेर शहर में इन दिनों भालू का आतंक लगातार जारी है. आये दिन रहवासी इलाकों में भालू पहुंच रहे है. भालुओं की आमद से लोग दहशत में है. जिसे देखते हुए वन विभाग की टीम अब रात में चिन्हाकित इलाकों की निगरानी कर रही है. लेकिन नगर में भालुओं का घुसने का मुख्य कारण भोजन पानी है. जिसे विभाग दरकिनार कर रहा है.
वही कांकेर रेंजर का कहना है कि विभागीय टीम लगातार रात्रि में गश्त कर रही है. चिन्हांकित स्थानों पर भी नजर रखी जा रही है. लोगों को भालू और अन्य वन्य प्राणी दिखाई देने या पहुंचने पर तत्काल सूचना देने पाम्पलेट चस्पा किया जा रहा है. साथ ही लोगों से अपील भी की जा रही है कि लोग रात्रि बचने वाले भोजन को घर के बाहर ना डाले.जिसकी सुगंध से भालू उस इलाके में न पहुंचे।
बता दें कि कांकेर नगर के 2014-2015 में 30 हजार हेक्टेयर भूमि में वन विभाग ने भालू विचरण और रहवास क्षेत्र बनाया था. जो कांकेर के शिवनगर-ठेलकाबोड के पहाड़ियों पर बनाया गया. जिसका नाम जामवंत परियोजना दिया गया था. इस परियोजना के तहत अमरूद, बेर, जामुन जैसे फलदार वृक्ष लगाना था. वन विभाग ने फलदार पौधे तो लगाए, लेकिन कोई भी फल देने लायक नहीं बन पाया. जिसके कारण अब जंगली भालुओं को शहर की तरफ भोजन के लिए आना पड़ता है. रिहायशी क्षेत्रों में भालुओं के आने से लोगों मे अक्सर दहशत का माहौल रहता है.