छत्तीसगढ़

बच्चों के हित चिंतक बनों, सुख चिंतक नहीं

Nilmani Pal
22 Aug 2024 3:25 AM GMT
बच्चों के हित चिंतक बनों, सुख चिंतक नहीं
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रायपुर raipur news। श्री संभवनाथ जैन मंदिर विवेकानंद नगर में जारी चातुर्मासिक प्रवचन माला में मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म.सा. ने बुधवार को पाप भीरुता गुण को ग्रहण करने की शिक्षा दी। मुनिश्री ने कहा कि वास्तव में धर्मी वही है जो पाप से डरता है। व्यक्ति के जीवन में पाप का डर होना ही चाहिए। जो पाप से डरता नहीं है वह अधर्मी होता है। chhattisgarh news

मुनिश्री ने कहा कि ऐसा कार्य मत करो जिसमें जीव हिंसा हो,त्रस्त जीव की विरागना हो। व्यक्ति को पाप का व्यापार नहीं करना चाहिए और कम से कम पाप के अंदर आपका व्यापार हो यह विचारना चाहिए। पाप भीरुता का गुण आपके जीवन से चला जाए तो धर्म कभी प्राप्त नहीं हो सकेगा। पाप का डर आपको बहुत से पाप करने से रोकता है। पाप का डर यदि आपके जीवन में नहीं होगा तो सारे के सारे गुण अपना प्रभाव नहीं दिखा पाएंगे। जीवन में पाप का डर अवश्य होना चाहिए। जीवन में पाप का डर आएगा तो पाप नहीं होगा।

मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा ने आज की प्रवचनमाला में कहा कि वास्तव में तीर्थंकर परमात्मा ही हमारे हित चिंतक हैं। जो किसी का शॉर्ट टर्म का भला सोचे वह सुख चिंतक होता है और जो लॉन्ग टर्म का भला सोचे वह हित चिंतक होता है। आज माता-पिता अपने बच्चों को किस राह पर ले जा रहे हैं ? छोटी-छोटी उम्र के बच्चों के हाथ में मोबाइल हैं। थोड़ा बड़ा होता है तो महंगे गैजेट्स,व्हीकल तरह-तरह की चीज दे देते हैं, थोड़ा बड़ा होता है तो अलग कमरा दे देते हैं और थोड़े और बड़े होने पर पर्सनल स्पेस दे देते हैं। यदि आपकी संतान के बारे में आपको पता नहीं कि क्या कर रही है तो आप अपने बच्चों के हित चिंतक नहीं हो। बच्चों के जीवन में धर्म का प्रवेश हो ,संस्कार आए ऐसा करें। हित बुद्धि से अपने बच्चों के बारे में सोचें। आज का समय ऐसा है कि मम्मी अपनी सहेलियों, किटी पार्टी, फैशन ,गॉसिप में मस्त है और डैडी बिजनेस में व्यस्त है। बच्चों के पास महंगे मोबाइल,गैजेट्स अन्य सामान है लेकिन माता-पिता का साथ नहीं,उनका समय नहीं है। आज बच्चे एजुकेशन के साथ तरह-तरह की एक्टिविटीज में तो रहते हैं लेकिन धर्म की आराधना, पूजा स्थान से दूर हो जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि फोर्स करके ही सही धर्म,आराधना करानी चाहिए। एक बार यदि समय निकल गया और बच्चा बड़ा हो गया तो वह नहीं सीख पाएगा।हमेशा हित बुद्धि से बच्चों के साथ व्यवहार करें,उन्हें धर्म से जोड़े।

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