छत्तीसगढ़

बत्रा का नया जुगाड़, कुछ पैसा देकर फिर से क्वींस क्लब पर कब्जा के फिराक में

Admin2
20 Oct 2020 6:28 AM GMT
बत्रा का नया जुगाड़, कुछ पैसा देकर फिर से क्वींस क्लब पर कब्जा के फिराक में
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विरोधियों ने जैन परिवार और पूर्व संचालक को हलाकान करने लिया नाम

पार्टी और मौज मस्ती में शरीक होने वाले अफसरों ने दिखाया रास्ता

रायपुर (जसेरि)। शराब, गांजा, कोकीन के शौकीनों को सेलिब्रेशन पार्टी में इंट्री देकर एक दिन में करोड़ों रुपए कमाने वाले हरबख्श बत्रा कामोह क्वींस क्लब से भंग नहीं हो रहा है। हर तरह से फिर से कब्जाने की कोशिश में हितैषियों के बंगले के चक्कर काट रहा है। हाउसिंग बोर्ड और आबकारी विभाग से मिले नोटिसों का जवाब देने के बजाय टालने के लिए हाथ पैर मार रहा है। यदि न्याय संगत कार्रवाई हुई तो लाइसेंस के साथ लीज निरस्त तय है, लेकिन यदि हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की चली तो माना जा रहा है कि हरबख्श बत्रा को फिर से क्वींस क्लब की चाबी मिल सकती है। क्योंकि बत्रा ने होशियारी से नोटिस का जवाब देने के बजाय आबकारी विभाग और हाउसिंग बोर्ड के बड़े अधिकारियों जो बत्रा के पक्के फ्रेंडों में शामिल है, उनको सेवा का वास्ता देकर लीज और बार का लाइसेंस फिर के हथियाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। वहीं बत्रा के कहने पर जैन परिवार और पूर्व संचालक को परेशान करने जानबूझ कर नाम लिया गया। ताकि मामला डायवर्ड हो जाए। और ऐसा होता दिखाई दे रहा है।

वीआईपी रोड में जितने में लाइसेंसी बार है, वहां पर अमूनन सभी होटलों ौर ढाबों में क्वींस क्लब स्तर की पार्टियों आयोजित होती रही है। जहां काम्पिटिशन के साथ पार्टी में होने वाले खातिरदारी के नाम पर बड़ी इंट्री फीस लेकर इंट्री दी जाती है। इसी कारण वहां जाने वाले युवा मौज मस्ती में के नाम से पैसा वसूलने का फायदा उठाकर फूल इंजाय करते है। इसी कारण वीआईपी रोड में लॉकडाउन में भी अनलॉक रहा और नशे के सौदागरों ने कोरोना काल में रोने के बजाय लोगों को इंजायमेंट के लिए आमंत्रित कर बर्थ-डे, सालगिरह, विकेंड पार्टी,प्रमोशन पार्टी मनाने के नाम पर तरह-तरह के आयोजन कर जमकर नोट छापे। वीआईपी रोड में ही पूरे लॉकडाउन के दौरान दिवाली जैसी रौनक रही। जबकि पूरे देश में स्याह लॉकडाउन रहा। नशे की पार्टी का आयोजन करने के मामले में जांच के घेरे में आए क्लब के डायरेक्टर हरबख्श सिंह बत्रा के खिलाफ अभी तक न तो हाउसिंग बोर्ड और न ही जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की। केवल नोटिस पर नोटिस देकर मामले को डायवर्ड करने की कोशिश की गई है। क्लब में संचालित बार से हाईप्रोफाइल लोगों को शराब परोसने व बेचने की शिकायत के बाद भी आबकारी विभाग ने बार का लाइसेंस रद्द कर देना था लेकिन अभी तक ऐसा कुछ कदम नहीं उठाया गया है। पुलिस ने भी बत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। क्वींस क्लब के डायरेक्टर की पहुंच के आगे प्रशासन बौना साबित होकर रह गया है। हालांकि पुलिस कप्तान अजय यादव ने संकेत दिए हैं कि हाउसिंग बोर्ड की जांच रिपोर्ट के आधार पर बत्रा पर कानून का शिकंजा कसा जाएगा। जानकारी के मुताबिक क्वींस क्लब में लाकडाउन के दौरान कई बर्थ डे और अन्य पार्टी की आड़ में रसूखदार परिवार से जुड़े लोगों को कोकीन, अफीम, शराब आदि परोसी जा रही थी। पुलिस, आबकारी विभाग और हाउसिंग बोर्ड में लगातार शिकायत पहुंचती रही, लेकिन बत्रा के संबंधों के कारण किसी ने भी क्वींस क्लब में झांकने तक जहमत नहीं उठाई। बर्थ डे पार्टी में जब गोली चली तब क्लब में चल रही नशाखोरी का पर्दाफाश हुआ। क्लब के डायरेक्टर हरबख्श सिंह बत्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की, बल्कि कागजी खानापूर्ति के लिए अवैध रूप से सब-लीज पर क्लब संचालित होता रहा। आबकारी विभाग ने क्लब में संचालित बार से लाकडाउन के दौरान शराब परोसने के मामले में नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। ड्रग की आपूर्ति के मामले में गिरफ्तार संभव पारख क्वींस क्लब के भीतर संचालित हाई स्ट्रीज लाउंज का मैनेजर था। उसने पूछताछ में स्वीकार किया था कि क्लब में अक्सर पार्टियां होतीं थी। उसने खुद नशे की पार्टी में शामिल कई रसूखदार परिवारों के युवाओं को कोकीन उपलब्ध कराई थी। क्लब में नशाखोरी और ड्रग सप्लाई करने वाले दर्जन भर से अधिक लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।

सवाल यह है कि क्या लीज पर ली परिसंंपत्ति को कोई थर्ड पार्टी को लीज में दे सकता है। यदि ऐसा करना कानूनन अपराध है तो अब तक कार्रवाई नहीं होना सीधा-सीधा कानून कायदे का उल्लंघन माना जाएगा। इस पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए, जिससे इस तरह गतिविधियों पर अंकुश लग सके और सरकारी संपत्त्ति का अनावश्यक दोहन रूक सके।

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