बस्तर होगा तम्बाकू मुक्त, जिला स्तरीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
जगदलपुर। धूम्रपान मुक्त बस्तर बनाए जाने के लिए प्रवर्तन दल के सदस्यों का एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण गुण्डाधुर सभागार में आयोजित किया गया। इस दौरान जिले के पुलिस विभाग, श्रम विभाग, खाद्य विभाग, नगरीय निकाय के अधिकारियों को तंबाकू उत्पादों के उपयोग और खरीद-बिक्री संबंधी कानूनों की जानकारी देते हुए इसके प्रयोग नही करने हेतु शपथ दिलाई गई।
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही 'द यूनियन' संस्था के विशेषज्ञों ने धूम्रपान मुक्त बस्तर बनाये जाने की रणनीति व तंबाकू-जनित बीमारियों के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस सम्बंध में ब्लूमबर्ग परियोजना के सम्भागीय समन्वयक प्रकाश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया: "भारत सरकार के तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत बस्तर जिले को धूम्रपान मुक्त किए जाने का प्रयास जारी है। बस्तर जिले में तम्बाकू नियंत्रण के लिये डब्लूएचओ द्वारा तैयार किये गए एमपॉवर (mPOWER) रणनीति का प्रयोग किया जाएगा। अर्थात मॉनिटर, प्रोटेक्ट,ऑफर, वार्न, इंफोर्स, रेज आदि। मॉनिटर के तहत तम्बाकू के उपयोग और रोकथाम नीतियों की निगरानी की जाएगी । प्रोटेक्ट में लोगों को तम्बाकू के धुंए से बचाया जाएगा। ऑफर में तम्बाकू सेवन छोड़ने में मदद की जाएगी। वॉर्न में तम्बाकू के खतरों व हानिकारक प्रभाव के बारे में चेतावनी दिया जाएगा। इंफोर्स में तम्बाकू के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा। वहीं रेज के द्वारा तम्बाकू पर टैक्स बढ़ाने सम्बन्धी उपाय किये जाएंगे।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला नोडल अधिकारी डॉ.सरिता मौर्य ने धूम्रपान मुक्त बस्तर बनाए जाने हेतु समस्त विभागों से उपस्थित अधिकारियों से अपील कीI उन्होने कहा: "सामूहिक सहभागिता से जिले को धूम्रपान मुक्त बनाया जा सकेगा एवं तंबाकू के प्रचार प्रसार में युवाओं को आगे लाने के लिए प्रयास करने, और उनमें तंबाकू मुक्ति के प्रति जागरूकता के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता है। तम्बाकू के सेवन से शरीर का हर एक अंग प्रभावित होता है,तम्बाकू के सेवन से हमें फेफड़ों का कैंसर ,लीवर का कैंसर, डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोग, ब्रेस्ट कैंसर, गले में पेट में अल्सर, नींद कम आना, हार्ट अटैक, लकवा, हाई बीपी की समस्या और टीबी रोग होने की संभावना सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा 3 गुना बढ़ जाती है।"
आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया: " महारानी अस्पताल में संचालित तम्बाकू नशामुक्ति केंद्र के माध्यम से 1,052 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है। नशामुक्ति केंद्र में मरीजों का निःशुल्क परामर्श एवं उपचार किया जाता है, अपने आस पास रहने वाले मित्रों, विभागीय कर्मचारियों और परिवार के ऐसे सदस्य जो धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन करते हैं उन्हें इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दें और परामर्श हेतु नशामुक्ति केंद्र भेंजे।"
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के मनोवैज्ञानिक सलाहकार उमाशंकर साहू ने धुम्रपान मुक्त बस्तर बनाए जाने के संबंध में जानकारी देते हुए बताया: " कोटपा अधिनियम की धारा 4 का अनुपालन अर्थात सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध का अनुपालन पूर्ण रूप से किए जाने पर जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जा सकता है, जिसके लिए समस्त सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध का बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य होगा I किसी भी प्रकार के तंबाकू पदार्थ के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाली चीजें को प्रदर्शित नहीं किया जाना जरूरी होगा। सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उद्योग और उत्पादों के उपयोग के सबूत का नहीं पाया जाना अनिवार्य मापदंड होगा।"